अमजद के साथ उसके दो भाई मोहम्मद शरीफ खान व इदरीश खान भी सऊदी अरब में ही थे। अमजद वर्ष 2014 से सऊदी अरब में काम कर रहा था। तीनों भाई सऊदी अरब के रियाद से चार अप्रेल को भारत आए। यहां आते ही एनआईए की टीम ने तीनों को हिरासत में ले लिया। पूछताछ के बाद अमजद को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके दोनों भाइयों को एनआईए की टीम ने छोड़ दिया है। अमजद के पिता बुनियाद खान बीकानेर में रेलवे कर्मचारी है। इनका पूरा परिवार वर्तमान में बीकानेर में ही रहता है।
फर्जी नाम से जुड़ा था आंध्र मोड्यूल से अमजद ने फर्जी नाम अयान खान सलाफी उर्फ मोहम्मदी अयान उर्फ अलवाला वालवारा के नाम से सोशल साइट्स पर फर्जी अकाउंट बना रखा था। जयपुर एटीएस के एसपी विकास कुमार ने बताया कि अमजद आईएसआईएस के आंध्रा मोड्यूल से जुड़ा हुआ था। वह बम धमाकों के प्लानर्स में शामिल था। एनआईए की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि आरोपित अमजद खान ने ‘जुनूद-उल-खिलाफा-फिल-हिंद’ संगठन की गतिविधियों व उसके प्रचार-प्रसार तथा नए सदस्यों को जोडऩे का कार्य करता था। जुनूद-उल-खिलाफा-फिल-हिंद एक आतंकी संगठन है, जो भारत में आईएसआईएस के लिए कार्य कर रहा है।
बम धमाकों के मुख्य आरोपितों से सीधा संबंध अमजद खान दिसंबर 2015 से जनवरी 2016 के दौरान हैदराबाद में बेंगलुरु चर्च रोड पर बम धमाकों के आरोपित आलमजेब अफरीदी के सम्पर्क में रहा है। अफरीदी वर्तमान में जेल में बंद है, लेकिन इसके बाद भी अमजद अफरीदी और उसके साथियों रिजवान उर्फ खालिया उर्फ आजाद व एक अन्य के सम्पर्क में लगातार रहा है। ये एक-दूसरे से फेसबुक, निंबूज, ट्रीलियन व टेलीग्राम के माध्यम से सम्पर्क में थे। उसने अयान खान सलाफी उर्फ मोहम्मदी अयान उर्फ अलवाला वालवारा के नाम से सोशल साइट्स पर फर्जी अकाउंट बना रखा था।