IIT भिलाई की शिलान्यास पट्टिका से PMO ने हटा दिया मंत्री पांडेय का नाम, क्या है पूरा मामला जरूर पढ़ें
आइआइटी भिलाई के अस्थाई कैम्पस गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज राायपुर में लगाई गई पट्टिका पर प्रेम प्रकाश पांडेय का नाम गायब हो गया है।

भिलाई. आइआइटी भिलाई के शिलान्यास कार्यक्रम में जो पत्थर दिखाया गया था, वह बदल गया है। 14 जून को सिविक सेंटर मैदान में हुए भव्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों किए गए डिजिटल शिलान्यास पट्टिका पर मोदी के बाद दाएं तरफ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और बाएं तरफ उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय का नाम था।
अब आइआइटी भिलाई के अस्थाई कैम्पस गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज राायपुर में लगाई गई पट्टिका पर प्रेम प्रकाश पांडेय का नाम गायब हो गया है। प्रधानमंत्री के बाद मुख्यमंत्री का नाम तो है, लेकिन प्रेम प्रकाश का नाम हटा दिया गया है।
तो क्या पट्टिका ही बदल गई?
अब सवाल यह है कि जो पट्टिका उस दिन सार्वजनिक की गई थी, क्या वह बदल गई है या उसमें छेड़छाड़ की गई। आइआइटी भिलाई प्रशासन ने इस पूरे मामले में सीधे तौर पर कहा है कि डिजिटल शिलान्यास का कार्यक्रम प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की निगरानी में हुआ। शिलान्यास के बाद पीएमओ से ही पट्टिका पर लिखे जाने वाले नामों की अनुमति मिली। जिस क्रम में नाम दिए गए हैं, उन्हें उसी तरह से लिखाया गया।
शिलान्यास पट्टिका पर पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नाम के ठीक नीचे आइआइटी भिलाई के डायरेक्टर डॉ. रजत मूना का नाम लिखा गया है। यह दोनों नाम गणमान्य उपस्थिति को दर्शा रहे हैं। इसके बाद हिंदी व अंग्रेजी में शिलान्यास कार्यक्रम की तिथि अंकित है।
आइआइटी भिलाई के शिलान्यास कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ केन्द्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह, राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, इस्पात राज्य मंत्री विष्णु देव साय, सांसद विक्रम उसेंडी मंच पर नजर आए थे। इनके साथ ही राज्य के कैबिनेट मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय, बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, दयालदास बघेल, रमशीला साहू, राजेश मूणत, अमर अग्रवाल, राम सेवक पैकरा, पुन्नूलाल मोहले, राज्य सभा सांसद डॉ. सरोज पांडेय भी मौजूद थीं।
7 फरवरी 2014 को भिलाई में आइआइटी की स्थापना का अशासकीय संकल्प विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हुआ था। 5 नवंबर 2014 एमएचआरडी की बैठक में राज्य शासन ने आईआईटी के लिए भिलाई के नेवई व पाटन के सांकरा की जमीन का प्रस्ताव रखा। लेकिन बाद में स्थल चयन करने आई एमएचआरडी की हाई पॉवर कमेटी को चुपके से नया रायपुर दिखा दिया गया।
मंत्री पांडेय ने इसका पुरजोर विरोध किया। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि छग में आइआइटी खुलेगा तो सिर्फ भिलाई में अन्यथा नहीं। नेवई की जमीन को उपयुक्त नहीं बताए जाने पर उन्होंने कुटेलाभाठा में बीएसपी की जमीन के लिए प्रयास किया।
कुटेलाभाठा में लगेगी पट्टिका
आइआइटी भिलाई का स्थाई कैम्पस कुटेलाभाठा में तैयार होगा। ११०० करोड़ रुपए का प्रस्ताव सिर्फ प्रथम फेज के लिए है। शिलान्यास कार्यक्रम में दिखाई गई पट्टिका कुटेलाभाठा कैम्पस में ही लगाई जानी है। अस्थाई कैम्पस जीईसी में इसे सिर्फ रखा गया है।
प्रथम चरण निर्माण के लिए मास्टर प्लान भी तैयार है। दिल्ली की कनविंदे राय एंड चौधरी कंपनी ने मास्टर प्लान तैयार किया है। तकनीकी शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने बताया कि आइआइटी भिलाई की शिलान्यास पट्टिका पर अभी क्या लिखा हुआ है मुझे इस संबंध में जानकारी नहीं है।
शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान पट्टिका पर तो मेरा नाम था। आइआइटी भिलाई के डायरेक्टर प्रो. रजम मूना ने बताया कि शिलान्यास पट्टिका पर लिखे गए नामों को प्रधानमंत्री कार्यालय ने ही अप्रूव करके भेजा है। आइआइटी प्रशासन ने अपने स्तर पर इसमें कोई भी संशोधन नहीं किया है।
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