ऑफलाइन भरे गए नाम निर्देशन पत्र में कई बार लिपकीय त्रुटियां और कांट छांट बहुत अधिक होती है। इस वजह से नाम निर्देशन पत्र निरस्त होने की आश्ंाका बढ़ जाती है। ऑनलाइन हो जाने से इसमें कमी आएगी, क्योंकि फॉर्म सबमिट करने के पहले इसमें करेक्शन किया जा सकेगा। जब सारी प्रविष्टियां भरने के बाद अभ्यर्थी पूर्णत: संतुष्ट हो जाएं तब फॉर्म सबमिट करें। फॉर्म सबमिट करने के बाद इसका प्रिंट आउट लिया जा सकता है, ताकि एक बार पुन: फॉर्म पढ़ सकें। साथ ही आयोग द्वारा अभ्यर्थियों को 2 बार नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने की सुविधा दी गई है ताकि यदि कोई त्रुटि रह गई हो तो उसे दूर किया जा सके।
0. अभ्यर्थियों को ओनो सॉफ्टवेयर के माध्यम से फॉर्म भरने के लिए पहले एक अकाउंट बनाना होगा।
0. यह सॉफ्टवेयर आयोग की वेबसाइट (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट सीजीईसी डॉट जीओवी डॉट इन) पर उपलब्ध है।
0. सबसे अनिवार्य होगा अभ्यर्थी का मोबाइल नंबर, सुरक्षा की दृष्टि से यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि बिना ओटीपी के लॉगिन आईडी क्रिएट नहीं किया सकता।
0. इसलिए अभ्यर्थी वही मोबाइल नम्बर चुनें जिनका उपयोग वे स्वयं कर रहे हैं।
0. ओनो के पोर्टल पर नगरीय निकाय चुनाव वाले सेक्शन में जाकर अभ्यर्थी अपना मोबाइल नंबर डालकर अपनी आईडी क्रिएट करेंगे और 8 कैरेक्टर्स का पासवर्ड बनाएंगे।
0. इसके बाद अभ्यर्थी के मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा जिसे दर्ज करना होगा तभी अकॉउंट बनेगा।
0. पासवर्ड भूलने की दशा में मोबाइल नंबर के माध्यम से ही दूसरा पासवर्ड बनाया जा सकेगा।
0. यहां पर उम्मीदवार को सारे नियमों-अधिनियमों की जानकारी भी उपलब्ध रहेगी ताकि उनको फॅार्म भरने के पहले ही सारी ज़रूरी जानकारी मिल जाए।
0. इसमें अभ्यर्थियों के लिए मार्गदर्शिका और चेक लिस्ट भी दी गई है।
अभ्यर्थियों को इस सॉफ्टवेयर में अपने सारे जरूरी दस्तावेज जैसे शपथ पत्र, फोटो, मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के उम्मीदवार होने पर प्ररूप 8 व 9 ,जाति प्रमाणपत्र (यदि आवश्यक हो)।
प्रतिभूति राशि भी ऑनलाइन जमा की जा सकती है। ऑफलाइन माध्यम से जमा कराने के बाद रसीद की प्रति भी अपलोड करनी होगी।ऑनलाइन पेमेंट की दशा में यह आवश्यक नहीं होगा।
इस सॉफ्टवेयर का एक उद्देश्य पारदर्शिता लाना भी है। यहां आमजनों को उम्मीदवार के संबंध में पूरी जानकारी मिल सकेगी। आयोग, जिला निर्वाचन अधिकारी और रिटर्निंग ऑफिसर के लिए अलग अलग डैशबोर्ड भी बनाए गए हैं ताकि काम करने में आसानी हो। मतगणना और उसके बाद विजयी प्रत्याशी के सर्टिफिकेट जेनरेशन की भी सुविधा रहेगी।