एंटीजन से बुधवार को 2735 लोगों का सैंपल लिया गया। जिनमें 572 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। यह आंकड़ा 20 प्रतिशत के आसपास है। एक समय एंटीजन रिपोर्ट का संक्रमित आंकड़ा 48 फीसदी तक पहुंच गया था। एंटीजन जांच मेंं कम मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली है।
प्रशासन ने बुधवार को कितने लोगों की मौत हुई इसका आंकड़ा नहीं दिया है, पर मुक्तिधाम में प्रोटोकाल के तहत शवों का जो अंतिम संस्कार हुआ है वह चिंताजनक है। प्रोटोकाल के तहत रामनगर मुक्तिधाम में 40, दुर्ग शिवनाथ नदी के मुक्तिधाम में 24, रिसाली मुक्तिधाम में 24 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार करते-करते अक्सर कर्मियों को रात हो जाता है। सुबह चिता की राख ठंडी भी नहीं पड़ती और नई चिताओं को सजाने में कर्मचारी जुट जाते हैं। यह पहली बार हुआ है कि शव के लिए बने शेड में जगह खत्म हो जाने की वजह से मुक्तिधाम में जिस जगह पर लोग आते-जाते हैं वहां पर अंतिम संस्कार करने का इंतजाम किया गया है।
कोरोना से मरीज जंग तो जीत रहे दूसरे ओर मरीजों को जिला अस्पताल, दुर्ग में दाखिल करते ही ऑक्सीजन देना पड़ रहा है। वार्ड में दाखिल करने से पहले बरामदे में कुछ बेड लगा दिए गए हैं। यहां ऑब्जर्वेशन में कुछ समय तक रखने के बाद ही मरीज को वार्ड में दाखिल करते हैं। हालात यह है कि कुछ देर भी मरीज बिना ऑक्सीजन के नहीं रह पा रहे हैं।
कोरोना वैक्सीन का दुर्ग जिले में अब तक 381205 डोज उपयोग हो चुका है। टीकाकरण अधिकारी इस काम को तेजी से पूरा करने का दावा कर रहे हैं। अब उनके सामने चुनौती 18 साल से अधिक उम्र के युवाओं को 1 मई से कोरोना वैक्सीन लगाने को लेकर है। लॉकडाउन की वजह से लोगों में कोरोना को लेकर खासी दहशत है, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि जिला में हर युवा वैक्सीन लगाने के लिए घर से बाहर निकलेंगे। जिससे वह कोरोना को हरा सकेंगे।