शांति नगर दशहरा मैदान में सुबह 10 बजे जैसे ही वॉटमोर के कदम पड़े, शहर के क्रिकेटर उनसे मिलने के लिए एकजुट हो गए। उन्होंने खिलाडिय़ों की थ्योरी क्लास लेकर बल्लेबाजी के लिए बैट की ग्रीप में पकड़ बनाने का सही तरीका सिखाया। इसके बाद खिलाडिय़ों को ग्राउंड में ले जाकर फ्रंटफूट लैंडिंग, बैकफुट लैंडिंग, गैदरिंग और रिलीज टेक्निक के बारे में जानकारी दी।
वॉटमोर पूर्व अंतरराष्ट्रीय आस्ट्रेलियाई क्रिकेट खिलाड़ी (cricket player)हैं। फस्र्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने विक्टोरिया के लिए 6,000 से ज्यादा रन बनाए हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से 1988-89 में सन्यास लेने के बाद वे क्रिकेट कोच बन गए। उन्होंने श्रीलंका की क्रिकेट टीम को दो अलग समय में कोच किया, जिसमें पहले समय में श्रीलंका की टीम ने 1996 क्रिकेट विश्वकप जीता। उन दो अंतराल के मध्य में उन्होने लैन्कशायर की टीम को कोच किया। जहां उनकी टीम ने 1998 और 1999 में नेशनल लीग और 1998 की नैट्वेस्ट ट्रॉफी जीती। (Bhilai news)
1.यदि आप क्रिकेट में अच्छे बल्लेबाज या बॉलर बनाना चाह रहे हैं तो सीखने की ललक सबसे जरूरी है। क्रिकेट ऐसा है, जिसमें हमेशा सीखते रहना चाहिए।
2. थ्योरी क्लास के दौरान खिलाडिय़ों को मोटिवेट करते हुए वॉटमोर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में टैलेंट की कमी नहीं है।
3. प्लेटफॉर्म पहले नहीं मिलता था, लेकिन अब यहां रणजी के लिए भी आपके पास पूरा मौका है। खेल बेहतर रखकर यह प्लेटफॉर्म आपका हो सकता है।
4. इस फील्ड में जबरदस्त स्कोप है। खिलाड़ी के तौर पर आपको धैर्य रखना जरूरी है। फटाफट क्रिकेट वर्तमान की जरूरत है, लेकिन आप लंबा मैच खेलने की सोचिए।