उनके त्वरित निर्णय लेने की क्षमता की वजह से भिलाई में आइआइटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान खुल पाया। वे त्वरित पहल नहीं करते तो प्रदेश और भिलाई को आइआइटी जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान नहीं मिलता। मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट की ओर से भिलाई में आइआइटी खोलने से इनकार कर दिया गया था और प्रस्ताव को खारिज भी कर दिया था। तब (Former CM Raman singh)पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने जेटली से स्वीकृति दिलाने की मांग की। उन्होंने बिना देरी किए स्वीकृति दिलवाई। इस बात का खुलासा बीआईटी दुर्ग की सभागार में हुई राज्य की आर्थिकी और सुधार, भविष्य की राह विषय पर कार्यशाला में स्वयं डॉ सिंह ने किया था। मंच पर खुलासा करने के बाद जेटली अपनी कुर्सी छोड़कर दोबारा डेस्क के पास गए। डॉ सिंह का आभार भी जताया था।
संगठन में वे हमारे वरिष्ठ रहे। पिछले दो दशक से उनके साथ मेरा सतत संपर्क बना रहा। जेटली जब भी भिलाई आए। मुझे एक मित्र की तरह मिलने के लिए बुलवाया। भिलाई से उनका राजनीति के अलावा परिवारिक संबंध रहा है। नेहरू नगर पश्चिम में उनकी मौसी राजकुमारी शर्मा रहती थी। वह उनसे मिलने भिलाई आते थे। 2008 के विधानसभा चुनाव और 2009 के लोकसभा चुनाव में प्रचार करने भिलाई आए। ओजस्वी भाषण से पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनवाया। प्रत्याशी को जीत मिली।