घर-आंगन सजेगी अल्पना
माता लक्ष्मी के स्वागत में बंगाली महिलाएं घर-आंगन में खूबसूरत अल्पना बनाएंगी। चावल को पीसकर तैयार घोल को उंगलियों के सहारे बनने वाली अल्पना में माता लक्ष्मी के पदचिन्ह भी बनाए जाएंगे जो आंगन से घर के कोने-कोने में नजर आएंगे। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती है और इस दौरान जिनके द्वार पर सुंदर आल्पना होती है वहां वे निवास करती है। मरोदा निवासी मऊ रे बताया कि घर की सजावट का काम आज से ही शुरू हो गया है। उन्होंने अल्पना बनाने का काम भी शनिवार से शुरू कर दिया है।
खिचड़ी के संग नारियल लड्डू
लक्खी पूजा के मौके पर माता को भोग लगाने कई पारंपरिक व्यंजन बनेंगे जिसमें खिचड़ी,नारकेल नाडू(नारियल के लड्डू),पांच भाजा, पांच तरह की सब्जी, खीर, पूड़ी, सहित मौसमी फल शामिल होंगे। यह सारे व्यंजन माता को विशेष तौर पर भोग लगाए जाते हैं और पूजा के बाद सारे रिश्तेदारों और दोस्तों को भोग खाने आमंत्रित भी किया जाएगा।
दूध और पोहा का लगेगा भोग
गुजराती समाज में लोग शरद पूर्णिमा के दिन दूध-पोहा या खीर का पर शहर में भी कई आयोजन होंगे। गुजराती समाज में इस दिन दूध पोहा या खीर का भोग भगवान श्रीकृष्ण को लगाएंगे। रातभर चांदनी रात में खीर रखने के बाद उसका प्रसाद लिया जाता है। मान्यता है कि इस दिन राधा और श्रीकृष्ण महारास करने धरती पर आते हैं। वहीं चांद से अमृत बरसता है। शहर के मंदिरों में भी कई कार्यक्रम होंगे। अग्रसेन भवन, राधाकृष्ण मंदिर, अक्षयपात्र मंदिर, ब्रजमंडल सेक्टर 6 सहित कई अन्य स्थानों पर शरद पूर्णिमा पर कार्यक्रम होंगे।