ग्राम पंचायत पुरई की सरपंच उमा रिगरी के अनुसार इस संबंध में गृहमंत्री को पहले ही आवेदन दिया जा चुका है, मगर गुपचुप तरीके से अचानक शराब दुकान खोल दिया गया। ग्रामीणों ने कहा कि शराब दुकान के विरोध में अब आंदोलन किया जाएगा। खम्हरिया के सरपंच महेश यादव भी यहां पर शराब दुकान संचालन के विरोध में है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार एक तरफ तो महिला शिक्षा को बढ़ावा देने की बात करती है वही उच्च शिक्षा ग्रहण करने जाने वाली बच्चियों के रास्ते में शराब दुकान खोलकर एक तरह से अवरोध की स्थिति खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है।
छात्राओं के मुताबिक पुरई, खम्हरिया व पाउवारा गांव से रोज सौ से अधिक छात्राएं कॉलेज पढऩे उतई आती जाती हैं। कॉलेज जाने-आने के समय शराब खरीदने वालों को मजमा लगा रहता है। सड़क से गुजरते समय छात्राएं असहज महसूस करती है। भय भी लगता है। क्योंकि मदिरा खरीदने के लिए आने वाले वहीं पीते भी है और अक्सर रोड पर आपस में बहस करते खड़े रहते हैं। शराब दुकान को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाना चाहिए। सड़क किनारे बनाए गए यात्री प्रतीक्षालय के सामने बड़े बड़े अक्षरों में बेटी पढ़ही आगू बढ़ही के नारे लिखे गए है, मगर पुरई खम्हरिया की बेटियों के उच्च शिक्षा ग्रहण करने आने जाने के मार्ग किनारे शराब दुकान खोल दी गई है।
उमा रिंगरी, सरपंच ग्राम पंचायत पुरई ने बताया शराब दुकान गलत जगह खोला गया है। अचानक दिवाली के पहले जानबूझकर खोला गया है, मगर हम यहां शराब दुकान नहीं चलने देंगे। ग्रामीणों के साथ आंदोलन किया जाएगा।
मेन रोड किनारे शराब दुकान खोले जाने के संबंध में आबकारी अधिकारी नोहर ठाकुर से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन फोन रिसीव नहीं करने के कारण उनका पक्ष नहीं लिया सका।