पुरुषोत्तम देवांगन- जिला मंत्री भाजपा
मेरे हिसाब से आने वाली सरकार मजबूत होनी चाहिए। मजबूर नहीं। सांसद ऐसा हो जो दुर्ग और हमारे छत्तीसगढ़ का लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर सके। अली हुसैन सिद्दीकी- आम आदमी पार्टी, पत्रिका चेंजमेकर
आने वाले चुनाव में चुनावी व्यवस्था में बदलाव होना चाहिए। नोटा को मान्यता मिलनी चाहिए। चुनावी दलों के चुनाव चिन्ह को खत्म करना चाहिए। चुनाव के दौरान उम्मीदवार के प्रचार अभियान की कमान राजनीतिक दलों के हाथों में न होकर चुनाव आयोग के पास होना चाहिए। ताकि हर व्यक्ति आपने पसंदीदा उम्मीदवार का स्वतंत्र प्रचार कर सके।
संसद और विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए। महिलाओं और युवाओं को रोजगार का अवसर मिलना चाहिए। ठेका मजदूरों और रेगहा किसानों के विकास के लिए कदम उठाने चाहिए। साथ ही देश मे फैले जातिवाद संबंधित समस्याओं का समाधान हो और देश मे शांति व्यवस्था लागू करने की दिशा में सकारात्मक पहल हो।
राजनीति के आर्थिक समीकरणों में पारदर्शिता होनी चाहिए और हर राजनीतिक नेता को अपनी पूरी संपत्ति का विवरण देना चाहिए। श्यामलाल साहू- महासचिव ,सेंटर ऑफ स्टील वर्कर्स
जब चुनाव का माहौल आता है, तब-तब ऐसे मुद्दों पर चर्चा या बहस की जाती है। जिनकी कोई आवश्यकता नहीं होती है।आम जनता की मुख्य समस्याओं पर कोई चर्चा नहीं होती है। जनता की बुनियादी समस्याओं पर ही पार्टी या प्रत्याशी को चुनाव लडऩा चाहिए।
आगामी लोकसभा चुनाव पर चर्चा के दौरान कई मुददों पर बात हुई। चुनाव के लिए एक मजबूत प्रत्याशी होना चाहिए जो की सक्षम हो। तंत्र को चलाने में जिससे एक मजबूत सरकार का गठन हो सके। युवाओं की भागीदारी बढऩी चाहिए जिससे विकास के और विकल्प खुले।
योजनाएं केवल टेबल तक ही सीमित ना रहे वो ग्राउंड लेवल तक पहुंचे। दिल्ली में जो नियम बनए जाते हैं उन्हें और भी सक्रियता से लागू करना चहिए। आम लोगों तक उसका लाभ पहुंच सके। युवाओं की भागीदारी में और इजाफा होना चाहिए जिससे राजनैतिक माहौल की छवि साफ हो सके।