आवास निर्माण के पश्चात हितग्राहियों को आवास का आवंटन किया गया था। परंतु आवासों में मूल आवंटिती के अलावा खरीदी बिक्री, किराएदार व कब्जा करके अवैध रूप से काफी लोग निवास कर रहने लगे। यह मामला जब महापौर देवेंद्र यादव के संज्ञान में आया तो उन्होंने सर्वे कराने के निर्देश दिए ताकि ऐसे लोगों को वहीं पर स्थायी रूप से निवास का आवंटन कर दिया जाए और निगम के राजस्व में बढ़ोतरी भी हो।
3536 में से 2053 आवास में अवैध रूप से हजारों लोग रह रहे थे। इसके बाद सर्वे टीम गठित की गई। सर्वे में 2053 लोग अवैध रूप से निवासरत पाए गए। केवल 1483 आवास में ही मूल आवंटिती निवासरत थे। आवास योजना के तहत कुल 3536 आवास हितग्राहियों को आबंटित किए गए थे। सर्वे उपरांत अवैध रूप से निवासरत लोगों को सूचीबद्ध किया गया और इन्हें आवंटन पत्र जारी करने के लिए इनसे गरीबी रेखा प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र तथा अन्य किसी जगह पर आवास नहीं होने संबंधी शपथ पत्र इत्यादि लेकर अस्थायी आवंटन पत्र जारी किया गया। अब स्थायी आवंटन पत्र पंजीयन की राशि जमा कराकर दे दिया गया है।