कल्याण कॉलेज में कोरोना मापदण्ड ताक पर
कल्याण महाविद्यालय, भिलाई नगर में मॉडल पेपर और पंजीयन को लेकर सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं पहुंच गई। प्रबंधन का कहना है कि वे खुद उम्मीद नहीं किए थे कि इतने अधिक छात्र-छात्राएं इस तरह से एक साथ पहुंच जाएंगे। प्रबंधन ने इसको लेकर अलग से कोई इंतजाम भी नहीं किया था। लंबी कतार बच्चों की यहां देखने को मिल रही थी। छात्र-छात्राएं जिस तरह से यहां हुजूम में मौजूद थे, उसको देखकर यह साफ हो गया कि शिक्षित वर्ग कोरोना वायरस से बचाव को लेकर संजीदा नहीं है।
हर सब्जेक्ट के छात्र पहुंचे कॉलेज
मॉडल पेपर जमा करने हर सब्जेक्ट के प्रथम वर्ष से लेकर अंतिम वर्ष के तक छात्र पहुंचे। जिससे एक-एक विभाग में भीड़ बढ़ती चली गई। दूर-दराज से बच्चे मॉडल पेपर जमा करने यहां पहुंचे थे। अलग-अलग सब्जेक्ट के बच्चों को अलग-अलग दिन बुलाया जाता, तो दिक्कत नहीं होती। यहां इसके विपरीत एक सप्ताह में सभी को मॉडल पेपर जमा करने कहा गया। जिसकी वजह से परेशानी बढ़ गई।
पंजीयन कराने को लेकर भी लगी कतार
पंजीयन के नाम पर भी छात्र-छात्राओं ने कतार लगाया था। ऑन लाइन पंजीयन कराने में एरर आने की शिकायत मिल रही है। जिसके कारण मजबूरी में बच्चे सीधे कॉलेज जाकर पंजीयन करवा रहे हैं। यहां हैरान करने वाली बात यह थी कि प्रबंधन की ओर से लगातार भीड़ देखने के बाद भी सोशल डिस्टेंस बनाए रखने के लिए कोई अलग से व्यवस्था नहीं की गई थी। कॉलेज में बहुत से बच्चों ने मास्क तक नहीं लगाया था।
कॉलज के बरामदे में भी भीड़
कल्याण महाविद्यालय, भिलाई नगर के बरामदे में भी इस दौरान सोशल डिस्टेंस का पालन कहीं पर भी होता नजर नहीं आया। कॉलेज के भीतर और बाहर बच्चों की कतार जगह-जगह नजर आई। अलग-अलग विभागों में मॉडल पेपर जमा करने के नाम पर बच्चों को कतार में खड़ा किया गया था।
एक संक्रमित कई को कर सकता है बीमार
छात्र-छात्राएं एक दूसरे के साथ जिस तरह से कतार में खड़े थे। जिससे कोरोना काल में संक्रमण बढऩे की आशंका बढ़ गई है। जिला प्रशासन बार-बार सामाजिक दूरी बनाए रखने की बात कह रहा है। वहीं दूसरी ओर कॉलेज प्रबंधन मॉडल पेपर जमा करने के नाम पर भीड़ एकत्र कर रहा है। यह सिलसिला अभी थमा नहीं है जिनका पर्चा जमा नहीं हुआ है, वे मंगलवार को भी कॉलेज पहुंचेंगे।
मॉडल पेपर जमा करने दिया था एक सप्ताह का समय
कल्याण महाविद्यालय, भिलाई नगर के वाइस प्रीसिंपल, डॉ. वाईपी पटेल ने बताया कि मॉडल पेपर जमा करने के लिए छात्र-छात्राओं को एक सप्ताह का समय दिया गया था। सोमवार को अंतिम दिन था, तब सारे बच्चे एक साथ पहुंचे। इस बात की उम्मीद नहीं किए थे। बच्चों को पोस्ट से भेजने भी कहा गया था, लेकिन वे आकर जमा किए। इसके साथ-साथ ऑन लाइन पंजीयन में दिक्कत आने की वजह से बच्चों ने कॉलेज आकर पंजीयन करवाया है। उनकी भी भीड़ थी।
कॉलेज प्रबंधन बच्चों का टेंप्रेचर चेक करे
चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफिसर, दुर्ग, डॉक्टर गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि कॉलेज में छात्र-छात्राओं को बुलाने से पहले व्यवस्था कर ली जाए। गेट पर ही टेंप्रेचर चेक किया जाए। सर्दी, खांसी जिन बच्चों को है उनको प्रवेश न दें। कोविड-19 मापदण्ड का पालन करें।