जिले के सरकारी समेत 23 अस्पतालों की संबद्धता ब्लड बैंक से है। रक्तदाताओं में कमी आने के कारण यह स्थिति बनी है। ब्लड बैंक में ब्लड के बदले ब्लड देने का प्रवधान है, लेकिन गरीब व गर्भवती महिलाओं के लिए बिना एक्सचेंज के ब्लड उपलब्ध कराता है। नवदृष्टि फाउंडेशन के सदस्यों ने 27 बैग ब्लड डोनेट किया। इसके बाद स्थिति ४० बैग की हुई है।
सिंगल डोनर प्लेटलेट्स मशीन ब्लड बैंक के लिहाज से महत्वपूर्ण है। यह मशीन पिछले आठ वर्ष से बंद है। अधिकारियों का कहना है कि इस मशीन से ब्लड डोनेट करने वाले व्यक्ति के रक्त से आवश्यक्ता अनुसार केवल प्लेटलेट्स निकालने की सुविधा है।
जिला अस्पताल के तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. अजय दानी ने अंतराष्ट्रीय मानकों पर ब्लड बैंक बनाने की योजना तैयार किया था। इसका मुख्य उद्देश्य अंतिम समय पर लोगों को आसानी से ब्लड उपलब्ध कराने के साथ ही आवश्यकता अनुरूप ब्लड के कंपनोट उपलब्ध कराना था। इस प्लान को तत्कालीन कलेक्टर सुब्रत साहू के सहयोग से पूरा किया गया। वर्ष 2011 में ब्लड बैंक का उद्घाटन किया गया।
ब्लड बैंक में ब्लड का स्टाक नहीं होने से ब्लड कंपोनेट निकालना अस्थाई रूप से बंद हो गया है। डिमांड के अनुसार ही तत्काल ब्लड कंपोनेट उपलब्ध कराया जा रहा है। पूर्व में ब्लड का स्टाक रहने से ब्लड बैंक के कर्मचारी ब्लड कंपोनेट तैयार कर स्टाक में रखते थे।