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भिलाई

नए वेज कोड में सरकार ने तीसरे पक्ष को किया वेतन समझौते में शामिल

नए वेज कोड लागू होने के बाद वेतन समझौते अन्य मामलों में सरकार यूनियन और प्रबंधन के अलावा मंत्रालय के नुमाइंदों को शामिल करने जा रही है.

भिलाईAug 29, 2019 / 10:48 pm

Abdul Salam

नए वेज कोड में सरकार ने तीसरे पक्ष को किया वेतन समझौते में शामिल

नए वेज कोड में सरकार ने तीसरे पक्ष को किया वेतन समझौते में शामिल

भिलाई. बीएसपी सहित स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के सभी कर्मचारी वेतन समझौता के लिए नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील (एनजेसीएस) की बैठक का इंतजार कर रहे हैं। वहीं त्योहार के पहले बोनस पर फैसला हो जाए, यह भी कर्मियों की मंशा है। इस बीच केंद्र सरकार ने सभी सरकारी प्रतिष्ठानों में सरकारी गजट में प्रकाशन कर नए वेज कोड को लागू कर दिया है, जो कि वेतन बोनस और उससे संबंधित निर्णयों के लिए जिम्मेदार होगी।

यहां नजर आएगा बदलाव
वर्तमान सरकारी निर्देश के मुताबिक अब कर्मचारियों के वेतन समझौते सहित सभी मामलों में यूनियन प्रबंधन के अलावा केंद्रीय श्रम मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। अब तक सेल में कर्मियों के वेतन समझौते में यूनियन और प्रबंधन के बीच द्विपक्षीय समझौता होता था। जिसे मंत्रालय की अनुशंसा के बाद क्रियान्वित हो जाता था। इसमें तृतीय पक्ष के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। नए वेज कोड लागू होने के बाद केंद्र सरकार ने तीसरे पक्ष को कमेटी में ही शामिल कर लिया है। इसके बाद ही कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

जानिए क्या है आदेश
केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में सरकारी गजट में नए वेज कोड प्रकाशित करते हुए सभी सरकारी उपक्रमों को इसके तहत समाहित किए हैं। अब वर्तमान व्यवस्था के मुताबिक किसी भी सरकारी उपक्रम के कर्मियों के वेतन समझौते के लिए तीन पक्षीय समिति फैसला लेगी। जिसमें प्रबंधन के प्रतिनिधि कर्मचारियों के प्रतिनिधि समान संख्या में शामिल होंगे। स्वतंत्र प्रतिनिधि कुल कमेटी के एक तिहाई संख्या में शामिल होंगे। बैठक में यह स्वतंत्र प्रतिनिधि भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस तरह अब वेतन संबंधी सारे फैसलों में सरकार का सीधा दखल होगा।

क्या बदल जाएगा एनजेसीएस का प्रारूप
भारत सरकार के वेज कोड लागू होते ही कर्मचारियों में इस बात को लेकर सुगबुगाहट है कि क्या सेल के एनजेसीएस का प्रारूप में कोई बदलाव होगा, क्योंकि 2008 में प्रबंधन और यूनियनों ने मिलकर इसे बाई पार्टी फोरम के रूप में स्वीकार किया था। वर्तमान में केंद्र सरकार के फैसले के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि त्रिपक्षीय कमेटी होने से कर्मचारियों को इनकी बैठकों का और निर्णय की जानकारी मिल पाएगी।

बैठक में संख्या हो जाएगी 40
नए वेज कोड को अमल में लाया जाता है, तो एनजेसीएस के पांच यूनियन सीटू, इंटक, एटक, एचएमएस, बीएमएस के तीन-तीन सदस्य शामिल होंगे। इस तरह १५ सदस्य इस बैठक में मौजूद रहेंगे। वहीं करीब 15 अधिकारी प्रबंधन की ओर से बैठक में रहेंगे। इसके अलावा भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए १० सदस्य उनके शामिल होंगे। यह कहा जा सकता है कि वेज कोड को अमल में लाते हैं, तो कम से कम 40 की टीम इस पर फैसला लेगी।

निजीकरण की सुगबुगाहट तो नहीं
बीएसपी के श्रमिक नेताओं की मानें तो यह वेज कोड केंद्र सरकार के निजीकरण की नीति का संकेत ही है। जिसमें निजीकरण के बाद कर्मियों के वेतन समझौते में सरकारी दखल तय कर नियोक्ता की ओर से कर्मियों के शोषण को रोकने की पॉलिसी साफ की गई है। इसी के साथ इस वेज कोड में हर 5 साल में कर्मियों के वेतन को पुन: निर्धारित करना अनिवार्य किए हैं।

आसान नहीं गाइड लाइन की अनदेखी
सेल में अब तक वेतन समझौते और बोनस को लेकर दो पक्षीय व्यवस्था लागू थी। जिसके तहत प्रबंधन और यूनियन मिलकर कर्मियों के हित में फैसला ले लेते थे, लेकिन अब स्वतंत्र सदस्य होने से सरकारी नीतियों डीओपीटी गाइड लाइन की अनदेखी नहीं की जा सकेगी, क्योंकि सरकार के प्रतिनिधि उन गाइड लाइन का पालन के लिए कड़ा रुख अपना सकते हैं। ऐसे में सेल में वेतन समझौते और बोनस जैसे मामले भी लटक सकते हैं।

डीपी गाइड लाइन ने पहले ही लटका रखा है वेतन समझौता
बीएसपी कर्मियों का वेतन समझौता जनवरी 2017 से लंबित है। करीब 32 माह विलंब इसमें हो चुका है। डीपी गाइड लाइन की वजह से इसको लेकर कोई फैसला जल्द होगा, यह उम्मीद कम ही है। जिससे सेल के कर्मचारी व अधिकारी दोनों ही प्रभावित हैं। अब 7 सितंबर 2019 को होने वाली बैठक से कर्मियों को बहुत उम्मीद है। तब वेज कोड के आमद ने सभी को सकते में ला दिया है।

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