यहां नहीं आता कचरा कलेक्ट करने रिक्शा
नगर निगम, भिलाई के वार्ड-49 खुर्सीपार स्थित मार्केट से लगे हुए देवार बस्ती में कचरा एकत्र करने कोई रिक्शा नहीं आता। यहां के लोग कचरा को उठाकर आसपास खाली दुकान या नाली में डालने को मजबूर हैं। नगर निगम ने हर घर से कचरा एकत्र करने का ठेका किया है। इसके बाद भी यहां कभी भी कचरा लेने रिक्शा नहीं आता।
सड़क की नहीं होती है सफाई
वार्ड-49 में रहने वाले लोगों ने बताया कि मोहल्ले में सड़क की सफाई करने कोई टीम नहीं आती है। वहीं निगम की ओर से बताया जाता है कि सड़कों की सफाई की जाती है। दफ्तर में बैठकर अधिकारी इस बात का दावा कर रहे हैं और लोग उसे सिरे से खारिज कर रहे हैं।
नालियों की नहीं होती नियमित सफाई
खुर्सीपार के इस वार्ड में दो दिनों के भीतर 4-4 सूकर मर चुके हैं। लोगों का कहना है कि सूकर मुक्त निगम होना चाहिए। निगम के इस क्षेत्र में नालियों की नियमित सफाई नहीं की जा रही है। इसकी वजह से नालियां जाम हो रही है। सफाई को देखने के लिए केवल सुपरवाईजर ही आते हैं। अधिकारी अगर फिल्ड में दौड़े तो व्यवस्था में सुधार नजर आ सकता है।
सूखा और गीला दोनों साथ में
वार्ड के लोगों ने बताया कि सूखा और गीला दोनों ही कचरा साथ में लेकर जाते हैं। सूखा-गीला कचरा अलग-अलग लेकर जाने की बात शुरू से ही केवल दस्तावेजों तक सिमट कर रह गई है।
सड़कों की नहीं होती सफाई
विनय गुप्ता, अधिवक्ता, निवासी, वार्ड-49, खुर्सीपार ने बताया कि मोहल्ले में सड़कों की सफाई नहीं की जाती है। इस तरह की व्यवस्था शुरू कर दी जाए, तो शहर का लुक बदल जाएगा।
गीला और सूखा दोनों साथ में
कोरमा राव, शिक्षक, निवासी, वार्ड-49, खुर्सीपार ने बताया कि कचरा कलेक्ट करने आते हैं। सूखा और गीला कचरा दोनों एक साथ लेकर जाते हैं। अलग-अलग लेकर नहीं जाते।
यहां नहीं आता कचरा लेने कोई
सुनीता अग्रवाल, निवासी, वार्ड-49, खुर्सीपार ने बताया कि घर-घर कचरा कलेक्ट करने की बात कही जाती है। हकीकत यह है कि देवार मोहल्ले में कचरा कलेक्ट करने कोई नहीं आता।
सूकर मरने से व्यापारी परेशान
मोहम्मद इकबाल, व्यापारी, वार्ड-49, खुर्सीपार ने बताया कि खुर्सीपार के वार्ड-49 में दुकानों के समीप सूकर लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले दो दिनों में 4-4 सूकरों की मौत हुई है। छुटकारा मिले।
सफाई के नाम पर सिर्फ खर्च बढ़ा
जोगेंद्र शर्मा, पूर्व एमआईसी सदस्य, नगर पालिक निगम, भिलाई ने बताया कि सफाई के नाम पर निगम में सिर्फ खर्च करोड़ों में बढ़ा दिए हैं। व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो चुकी है। लोग खुद यह बता रहे हैं।