डेंगू का संक्रमण शहर के २१ से बढ़कर ३२ वार्डों में फैल चुका है। निगम और स्वास्थ्य विभाग का सर्वे और दवा छिड़काव का दायरा २१ वार्डों में सिमटकर रह गया है। जिन 21 वार्डों में टीम काम कर रही है वहां भी रोटेशन में टीम को दोबारा पहुंचने में विलंब हो रहा है। शहर को कोहका, कुरुद और मरोदा क्षेत्र में भी डेंगू ने पांव पसार लिया है पर वहां दवा छिड़काव का अतापता नहीं हैष
१७ जुलाई को सबसे पहले सेक्टर-२ में डेंगू के तीन मरीज मिले। जिनका उपचा सेक्टर-9 अस्पताल में हुआ। तब एक बार टीम इस इलाके में गई थी। उसके बाद कोई नहीं गया। गुरुवार को इसी सेक्टर में एक बच्ची की मौत हो गई, तब टीम दोबार पहुंची। दो चार जगह डेंगू से बचाव की जानकारी वाला पोस्टर टांगकर और गाजर घास साफ कर लौट आई।
पूर्व महापौर नीता लोधी राघवेंद्र पांडेय और संजीव गिरी गोस्वामी रायपुर के एक अस्पताल में भर्ती मरीजों से मिलने गईं। मरीजों ने उनसे शिकायत की कि यहां प्लेटलेट्स के लिए चिकित्सक ने जो दवाइयां खाने की सलाह दी है उसे अस्पताल से उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। बाहर दवा काफी महंगी है।
टाउनशिप में खटाल पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सेक्टर-७ महाराणा प्रताप चौक सहित अन्य खटाल संचालकों को नोटिस के बाद नोटिस जारी कर खानापूर्ति की जा रही है।खटाल की गंदगी बहकर सड़क तक फैल रही है। आवाजाही करने वालों को परेशानी हो रही है।