परीक्षा तो एक सीढी है, जिसे हर कोई पार कर लेता हैं। जरूरत है अनुशासन की, संयम की और धैर्य की। परीक्षा के नाम से केवल आप ही नही बल्कि हर इंसान को डर लगता हैं। यह समय न केवल आपके लिए बल्कि अभिभावकों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। @Patrika आपकी तो केवल ज्ञान की परीक्षा हैं लेकिन अभिभावकों की समझदारी और धैर्य की परीक्षा हैं। परीक्षा के समय तनाव स्वाभाविक होता है। आप पर शिक्षकों का, माता पिता का समाज का दबाव है।
मैं जानता हूं आप मे से बहुत सारे तनाव को अपने पर हावी नहीं होने देते हैं, लेकिन स्टूडेंट्स स्ट्रेस के शिकार हो जाते हैं, जिन्हें यदि समय पर काउंसलिंग या साथ नहीं मिलता हैं तो वो डिप्रेशन के शिकार में चले जाते हैं। और कई बार अनुचित कदम भी उठा लेते हैं। @Patrika जिससे परिवार पर पहाड़ टूटने जैसी स्थिति पैदा हो जाती हैं। इसलिए इस परीक्षा की घड़ी मे न केवल आपको को बल्कि अभिभावकों व शिक्षकों को सतर्क रहने की जरूरत है।
फिलहाल मत खाइए बाहर का खाना
तनाव मे आने का मुख्य कारण होता हैं कि आपने समय प्रबंधन का सही पालन नहीं किया था। अब इनसे बचने का उपाय यह है कि आज से ही अपनी स्टडी का सही प्लान कर लीजिए। @Patrika किस सबजेक्ट को कितना समय देना हैं यह तय कर लें। परीक्षा के दौरान आपको स्वस्थ रहना भी जरूरी है, इसलिए खान-पान का बहुत ध्यान रखना। परीक्षा तक बाहर का खाना मत खाओ तो ही बेहतर है।
पर्याप्त नींद भी बहुत जरूरी है। अच्छी नींद से शरीर की थकावट दूर हो जाती है। पढऩे की क्षमता बढ़ जाती हैं। समय पर सो जाने की आदत डालें। अपनी दिनचर्या को भी प्लान कर लीजिए। सुबह जल्दी उठकर बाहर की ताजा हवा का आनंद लेने की कोशिश कीजिए।@Patrika सुबह की हल्की धूप में जरूर कम से कम 15 से 20 मिनट्स तक घूम कर आ जाए। हल्का व्यायाम करने से शरीर मे चुस्ती रहती है आप लंबे समय तक बैठकर पढ़ाई कर सकते हैं।
परिवार के सदस्यों के साथ भी समय बिताना जरूरी हैं। इससे अकेलापन नहीं लगता हैं। इतना सब करने के बावजूद भी आपको कोई समस्या हो, पढ़ाई में मन नहीं लग रहा हो, डिप्रेशन जैसा लग रहा हो तो अपनी इस समस्या को मम्मी- पापा, भाई-बहन, मित्रों और शिक्षकों के साथ शेयर कीजिए। @Patrika कोई न कोई रास्ता निकल ही आएगा। अपने को अकेला न समझें। यह परीक्षा केवल एक कक्षा की परीक्षा हैं न कि जीवन की। ऐसा कोई विरला ही इंसान होगा जो हमेशा हर परीक्षा में पास हुआ हो।
परीक्षा हर साल होती हैं, लेकिन जीवन एक बार खो दिया तो दुबारा नहीं मिलेगा। इस समय आपको अपने आत्मविश्वास को बनाए रखने की, धैर्य की और संयम की जरुरत हैं न कि बैचेन होने, निराश होने की। परीक्षा के समय अभिभावकों को भी सजग व सतर्क रहना चाहिए। @Patrika इस समय बच्चों को आपके साथ की, आपके दो प्यार भरे शब्दों की जरूरत हैं। हमेशा नजर रखें कि बच्चे का व्यवहार मे अचानक बदलाव तो नहीं आ रहा। चिड़चिड़ापन, कम खाना खाना, कम नींद की और सिर दर्द व माइग्रेन की शिकायत कर रहा है तो उसे गंभीरता से लीजिए।
अभिभवक अपनी तरफ से बच्चों का हिम्मत व हौसला बढ़ाएं। कभी भी हतोत्साहित न कीजिए। मनोबल बढ़ाने वाली कहानियां बहुत कारगर रहतीं है। साथियों एक बार फिर दोहराना चाहता हूं, कि आप सफल होने ही इस दुनिया में आए हो। कोई भी आपको फेल नहीं कर सकता। @Patrika इस वाक्य को बार-बार दोहराते रहिए। परीक्षा कक्ष मे घुसते समय भी और प्रश्न पत्र को हल करने से शुरु करने से पहले भी।