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भिलाई

जीरो शेडो डे…परछाई ने भी छोड़ दिया इंसानों का साथ, जानिए कैसे हुआ पलभर के लिए अद्भुत खगोलीय घटनाक्रम

दुर्ग-भिलाई में 26 मई यानी आज जीरो शेडो डे है। खगोलीय घटनाक्रम के तहत जब दिन में सूर्य ठीक हमारे सिर के ऊपर सीधे 90 डिग्री पर आया तो परछाई ने भी साथ छोड़ दिया। ( Zero Shadow Day 2020)

भिलाईMay 26, 2020 / 01:58 pm

Dakshi Sahu

जीरो शेडो डे...परछाई ने भी छोड़ दिया इंसानों का साथ, जानिए कैसे हुआ पलभर के लिए हुआ अद्भुत खगोलीय घटनाक्रम

जीरो शेडो डे…परछाई ने भी छोड़ दिया इंसानों का साथ, जानिए कैसे हुआ पलभर के लिए हुआ अद्भुत खगोलीय घटनाक्रम

दुर्ग. दुर्ग-भिलाई में 26 मई यानी आज जीरो शेडो डे है। खगोलीय घटनाक्रम के तहत जब दिन में सूर्य ठीक हमारे सिर के ऊपर सीधे 90 डिग्री पर आया तो परछाई ने भी साथ छोड़ दिया। इसके कारण दोपहर ठीक 12 बजे करीब एक से दो मिनट के लिए किसी भी व्यक्ति की परछाई नहीं बनी। भौतिक शास्त्र के राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक मणिकांत श्रीवास्तव के मुताबिक जीरो शेडो डे यानि शून्य छाया दिवस की यह अद्भूत खगोलीय घटना केवल कर्क रेखा से लेकर मकर रेखा तक के भागों में ही वर्ष में दो बार होती है।
एक बार सूर्य के उत्तरायण व दूसरी बार दक्षिणायण के समय। 26 मई के बाद दुर्ग-भिलाई में दूसरी बार यह घटना 17 जुलाई को 12 बजकर 11 मिनट पर होगा। लेकिन इस समय आसामान में मानसूनी बादल होने के कारण घटना को देख पाने की संभावना कम रहती है।
श्रीवास्तव ने बताया कि कर्क रेखा और मकर रेखा तक अलग-अलग अक्षांशों पर जीरो शेडो दिवस का दिन अलग-अलग होता है। दुर्ग (21.19 अक्षांश), भिलाई (19.18 अक्षांश) और रायपुर (21.2 अक्षांश) में 26 मई को जीरो शेडो है। दुर्ग में 12.2 बजे, भिलाई में 12.1 बजे और रायपुर में ठीक 12 बजे जीरो शेडो हुआ। 26 मई को ही प्रदेश के डोंगरगढ़ और महाराष्ट्र के गोंदिया व नागपुर में भी जीरो शेडो हुआ।
इसलिए होता होता है जीरो शेडो डे
22 दिसंबर को पृथ्वी का दक्षिण ध्रुव सूर्य के सम्मुख और उत्तरी ध्रुव विमुख होता है। 23 दिसंबर से उत्तरायण होता है। 21 मार्च को दोनों ध्रुव न ही सम्मुख और विमुख होते हैं। 22 मार्च से उत्तरी धु्रव सूर्य के सम्मुख और दक्षिण ध्रुव विमुख होने लगता है, जो 21 जून को पूर्ण होता है। 22 जून से पृथ्वी सूर्य के दूसरी तरफ परिक्रमा करते हुए दक्षिणायन होता है जो 22 को पूर्ण होता है। उत्तरायण व दक्षिणायन की सीमा कर्क रेखा से मकर तक होती है। इस कारण इन अक्षांशों पर जीरो शेडो डे बनता है। यह साल में दो बार होती है।म्
इस तरह लोगों ने देखा घटनाक्रम
श्रीवास्तव ने बताया कि जीरो शेडो की स्थिति कुछ ही समय के लिए होता है, लेकिन कोई भी व्यक्ति मामूली संसाधनों से इस स्थिति को देख सकता है। उन्होंने बताया कि इसके लिए 1 से 3 इंच की पीवीसी या लोहे की पाइप आंगन या छत पर समतल जगह पर सीधे खड़ी कर दे। गिलास को उल्टा रखकर भी यह प्रयोग किया जा सका है। पाइप या गिलास की छाया को 11.55 बजे से अवलोकन करें। इस समय छाया पश्चिम की ओर बनेगी। यह छाया धीरे-धीरे छोटी होती जाएगी और 12.2 बजे दुर्ग में, 12.1 बजे भिलाई छाया शून्य हो जाएगी। कुछ समय पर पूर्व की ओर छाया बनने लगेगी। कई लोगों ने इस घटनाक्रम को अपनी आंखों से देखा और महसूस किया।

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