पीएम आवास परिवार के लिए है तैयार
मिनी स्टेडियम को पूरा करने के लिए जिन परिवारों को सरकारी जमीन से बेदखल किया जाना है। उनके लिए उमदा में पीएम आवास तैयार है। लिस्ट तैयार हो चुकी है। यहां से 117 परिवारों को शिफ्ट किया जाना है। जिसमें से 30 ने पीएम आवास के लिए पैसा जमा किया। करीब सात से अधिक परिवार तो शिफ्ट भी हो गए। शेष खेल मैदान में रहने के लिए स्थाई पट्टे की मांग कर रहे हैं। जिसकी वजह से खेल से संबंधित सारी गतिविधियां यहां थम गई है।
भिलाई-तीन के बच्चों को चाहिए मिनी स्टेडियम
भिलाई-तीन के बच्चों को मिनी स्टेडियम की जरूरत है। टाउनशिप में जिस तरह से बच्चों को खेलने के लिए स्टेडियम से बड़े-बड़े मैदान मिल जाते हैं। यहां वह उपलब्ध नहीं है। भिलाई-तीन से बच्चे खेलने के लिए बीएसपी के टाउनशिप में या चरोदा के रेलवे मैदान जाते हैं। चंद कब्जों की वजह से बच्चों की मांग पूरी नहीं हो पा रही है।
लोगों के इशारों पर नाच रहा प्रशासन
खेल मैदान के लिए 1994 में बुनियाद रखी गई। इसके बाद मिनी स्टेडियम का काम अधूरे में आकर अटक गया। चंद घरों को हटाने में जिला प्रशासन कामयाब नहीं हो पाया है। विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) के बाद नगर पालिका परिषद और फिर नगर पालिक निगम का गठन हो चुका है। इसके बाद भी कब्जा कर रहने वालों को बेदखल करने की जगह जिला प्रशासन लोगों के इशारे पर इधर उधर भाग रहा है। खेलने वाले युवा सवाल उठा रहे हैं कि जिला प्रशासन जो लोग कब्जा करते हैं उनको लेकर इतना नरम क्यों है।
राजधानी और भिलाई में कई परिवारों को किए बेदखल
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और भिलाई में अतिक्रमण कर दशकों तक रहने वालों के खिलाफ एक्शन लिया गया तो नजारा ही बदल गया। भिलाई के आकाश गंगा और संजय नगर में की गई कार्रवाई हर किसी ने देखी है। कुंदरापारा में आकर जिला प्रशासन के पांव थरथराने लगते हैं।