भिलाई के सेक्टर-10 शिविर स्थल पर जाकर क्षेत्रीय पार्षद ने कार्ड को अपने कब्जे में ले लिया था। इस पर कुछ लोगों ने आपत्ति की। बात बढऩे पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भिलाई नगर कोतवाली पुलिस की उपस्थिति में पार्षद के पास से कार्ड को जब्त कराया। नागरिकों का कहना है कि पुलिस द्वारा जब्त किए कार्ड आज तक बंटे भी नहीं हैं। लोगों ने बताया कि एजेंसी के लोग कहते हैं कि कार्ड घर पहुंच सेवा के तहत मिलेगा। दरअसल एजेंसी के कर्मचारी वार्ड पार्षद को कार्ड दे रहे हैं। पार्षद कार्ड को लोगों को देने में भेदभाव बरत रहे हैं। वे चहेतों को पहले कार्ड दे रहे हैं। बाकी लोगों को घुमाते हैं।
छूटे हुए नागरिकों को स्मार्ट कार्ड वार्ड स्तर पर शिविर लगकर बनाया जा रहा है। अब तक ६० हजार हितग्राहियों का स्मार्ट कार्ड बन चुका है। २४ घंटे के अंतराल में स्मार्ट कार्ड बनाकर हितग्राहियों को देना है, लेकिन सप्ताह भर से अधिक होने के बाद भी स्मार्ट कार्ड लोगों को नहीं मिला है।
नियमानुसार कार्ड को शिविर स्थल पर ही शाम तक तैयार कर हितग्राहियों को देना है। सर्वर डाउन होने की स्थिति में एजेंसी के कर्मचारी हितग्राही को दूसरे दिन बुला सकते हैं, लेकिन स्मार्ट कार्ड को हर हाल में हितग्राही के हाथ में ही देना है। इसका मुख्य उद्देश्य कार्ड के दुरुपयोग को रोकना है।
स्वास्थ्य विभाग ने लक्ष्य को देखते हुए स्मार्ट कार्ड बनाने ५० लोगों की टीम मांगी थी,लेकिन यह काम केवल ३८ टीम द्वारा किया जा रहा है। इस वजह से भी शिविर स्थल में अव्यवस्था का
आलम है। विभाग ने शिविर लगाने के लिए ५० टीम के हिसाब से शेड्यूल तैयार किया था। उसी शेड्यूल के आधार पर ही स्मार्ट कार्ड बनाने शिविर लगाया गया है। शिविर में कार्ड बनाने के लिए लोगों की लंबी कतारें लग रही है।
सीएमएचओ डॉ. सुभाष पाण्डेय शिकायत मिलने पर व्यवस्था में सुधार करने के निर्देश दिए गए हैं। एजेंसी के कर्मचारियों हिदायत दी गई है कि वे कार्ड हितग्राहियों को दें पार्षदों को नहीं। अब वितरण के समय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मानिटरिंग के लिए उपस्थित रहेंगे।