चावल के दामों में पिछले एक महीने में ही 15 से 20 फीसदी की वृद्धि हुई है। तुलसीमाला, दुबराज जैसे सुगंधित चावल में ही प्रति क्विंटंल एक हजार रुपए बढ़ोतरी हुई। जबकि एचएमटी में 6 सौ रुपए प्रति क्विंंटल बढ़ गया। ऐसे ही बीपीटी, कालीमूंछ, श्रीराम जैसी किस्मों के भी दाम बढऩे लगे हैं। व्यापारियों के अनुसार यह सारे चावल चंद्रपुर, गढ़चिरौली, आमगांव, वारासिवनी, कर्नाटक आदि जगहों से आते हैं।
सुपेला अनाज व्यापारी संघ के अध्यक्ष सतीश खंडेलवाल ने बताया कि अक्टूबर-नवंबर 2020 में इन प्रदेशों में हुई बारिश के कारण इस साल की फसल को काफी नुकसान हुआ। जिसकी वजह से नए चावल के दाम पुराने चावल से ज्यादा है। इसी वजह से वहां के व्यापारी भी अब अपने पास रखे स्टॉक को बढ़े हुए दामों में बेच रहे हैं। उन्होंने बताया कि फसल के नुकसान का असर सालभर रहेगा और फिलहाल चावल के दाम कम होने की आसार नहीं हैं।
छत्तीसगढ़ में पैदा होने वाले चावल को मध्यमवर्गीय परिवार उपयोग नहीं करता। बल्कि यहां के किसान भी बेचने के लिए मोटा धान उगाते हैं और खुद के उपयोग के लिए पतले धान की खेती करते हैं। सरकार से अच्छा समर्थन मूल्य मिलने के कारण वे कम लागत वाले धान की फसल ले रहे हैं। जिसके कारण प्रदेश में पतले चावल की खेती बहुत कम है। इसकी वजह से व्यापारी दूसरे प्रदेश से चावल मंगाकर यहां बाजार में बेचते हैं। जिसकी वजह से दाम में काफी अंतर भी होता है। फिलहाल एक महीने में बढ़े चावल के दाम का असर मध्यमवर्गीय परिवार पर ज्यादा पड़ रहा है।
चावल की वेराइटी दिसंबर– जनवरी
बीपीटी – 2800 – 3500
एचएमटी -4200 -4800
कालीमूंछ -5000 -5600
श्रीराम – 5200 – 6000
दुबराज – 4000 -5000
तुलसीमाला – 7000 – 8000
सरना(मोटा) – 2300 -2400