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भिलाई

बीएसपी के रीहिटिंग में दिक्कत, रेल स्ट्रक्चरल मिल का एक फर्नेस बंद

भिलाई इस्पात संयंत्र के 60 साल पुराने आरएसएम के एक फर्नेस में दिक्कत आने के बाद उसे मरम्मत में लिए हैं, जिससे उत्पादन करीब 40 फीसदी घट गया है।

भिलाईApr 21, 2019 / 04:52 pm

Abdul Salam

BHILAI

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भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र के 60 साल पुराने रेल स्ट्रक्चरल मिल (आरएसएम) के एक फर्नेस में दिक्कत आने के बाद उसे मरम्मत में लिया गया है। जिससे उत्पादन करीब 40 फीसदी घट गया है। वित्त वर्ष के अंतिम माह में इस फर्नेस का जमकर इस्तेमाल किया गया, अब रिपेयर किया जा रहा है।
पहले किए तीनों फर्नेस की मरम्मत
बीएसपी के आरएसएम में 3 फर्नेस हैं। तीनों फर्नेस को प्रबंधन ने 5 से 8 अप्रैल 2019 तक के लिए रिपेयर में लिया था। एक और तीन नंबर फर्नेस रिपेयर के बाद उत्पादन देने लगे, वहीं फर्नेस नंबर-2 इसके बाद भी दिक्कत दे रहा था। जिसको देखते हुए उसमें मौजूद खामियों को दूर करने में प्रबंधन जुटा है।
12-12 घंटे लगा दी डयूटी
एक रीहिटिंग फर्नेस के बंद होने से रेलपांत का उत्पादन कम होने लगा है, इसको ध्यान में रखते हुए प्रबंधन ने जल्द तीसरे फर्नेस का मरम्मत कर लेना चाहता है। इसको ध्यान में रखते हुए 12-12 घंटे कर्मियों की ड्यूटी लगा दी गई है। 24 घंटे मरम्मत का काम चल रहा है।
यह आती है दिक्कत
फर्नेस में टॉप, बाटम, सोकिंग क्षेत्र में 6-6 बर्नर लगा होता है। फर्नेस में लगे हर बर्नर को ठंडा रखने के लिए पानी का मूवमेंट होता रहता है। जिस बर्नर के पास पानी जाना बंद होता है, वह बर्नर जलकर राख हो जाता है। इस तरह से कुछ बर्नर जल भी जाते हैं, तो उत्पादन तुरंत रोका नहीं जाता। जब रिपेयर में लिया जाता है, तब उसे बदला जाता है। फर्नेस में एक लेयर ब्रिक्स की भी होती है, जिसके गिर जाने पर भी ब्लूम सीधे प्लेट के संपर्क में आता है और दिक्कत आ जाती है। इसी तरह से एलएफ व आईएफ के पाइप में लिकेज से भी दिक्कत आ जाती है। इसके बाद रिपेयर में लिया जाता है।
उत्पादन में दर्ज की जा रही गिरावट
आरएसएम से रेलपांत का हर दिन करीब 2800 से 3000 टन तक उत्पादन किया जा रहा था। रीहिङ्क्षटग फर्नेस-1 में दिक्कत आने के बाद उसे रिपेयर में लिए। इसके बाद से उत्पादन 1700 से 2000 टन तक में आकर अटक गया है। इस तरह कहा जा सकता है, कि आरएसएम का उत्पादन करीब 40 फीसदी तक घटा है।
यह आ रही थी दिक्कत
आरएसएम के रीहिटिंग फर्नेस-1 में लगातार यह दिक्कत आ रही थी कि वह ब्लूम को रीहिटिंग सही तरीके से नहीं कर पा रहा था। ब्लूम को आरएसएम में आने के बाद फिर से रीहिट किया जाता है, वह नहीं हो पा रहा था। जिससे उत्पादन प्रभावित हो रहा था।
तीन में से एक फर्नेस को रखा जाता था बंद
बीएसपी के आरएसएम में तीन फर्नेस हैं, जिसमें से दो से उत्पादन लिया जाता था। वहीं तीसरे का बारी-बारी से मरम्मत कर लेते थे। इस तरह से तीनों फर्नेस का उपयोग नहीं करते थे। २००३ के बाद से तीनों फर्नेस का उत्पादन किया जाने लगा। अब फर्नेस को अधिक दिक्कत आने पर ही बंद करते हैं। वर्ना उत्पादन लगातार लिया जाता है
कार्मिकों में है निराशा
– आरएसएम के कर्मचारियों का गिरा हुआ मनोबल,
– आरएसएम से ई-० के लिखित परीक्षा में 40 लिखित पास हुए, उसमें से सिर्फ ८ का चयन हुआ। इससे कर्मचारी लोकल मैनेजमेंट से खफा हैं।
– आरएसएम के फिनिशिंग एरिया में मेन पॉवर की कमी है। जहां हर शिफ्ट में 140 कर्मचारी की जरूरत है, वहां वर्तमान में 90 के आसपास हैं। कास्ट कंट्रोल के नाम पर यहां के हर शिफ्ट से 10 ठेका श्रमिक की कटौती किए हैं।
– आरएसएम से भी दूसरे विभागों की तरह लगातार कर्मी रिटायर्ड हो रहे हैं। नई भर्ती नहीं हो रही। प्रबंधन व कर्मियों के बीच संवादहीनता है। अधिकारी सामान्य पाली में आकर जा रहे हैं। कर्मचारी 12-12 घंटे काम कर रहे हैं।
फैक्ट फाइल
आरएसएम से दैनिक रीहिटिंग के बाद प्राइम रेल का होने वाला उत्पादन :-
तारीख — आरएसएम से रेलपांत का उत्पादन
31 मार्च 2019 — 2857 टन
10 अप्रैल 2019 — 1727 टन
11 अप्रैल 2019 — 1949 टन
12 अप्रैल 2019 — 2097 टन
13 अप्रैल 2019 — 2292 टन
14 अप्रैल 2019 — 2073 टन
16 अप्रैल 2019 — 1800 टन
17 अप्रैल 2019 — 1859 टन
18 अप्रैल 2019 — 1884 टन
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