scriptVideo : रवीन्द्र संगीत के मधुर रस से सराबोर हुए श्रोता | Rabindranath music delicious juices with | Patrika News
भिलाई

Video : रवीन्द्र संगीत के मधुर रस से सराबोर हुए श्रोता

गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के जन्मदिन के अवसर पर भिलाई सेक्टर-1 नेहरू भवन में गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की गीत श्रृखंला ऋतुओं पर आधारित गीत,नाटक,नृत्य की प्रस्तुति दी गई

भिलाईJul 14, 2019 / 12:42 pm

Mohamad Naseem Faruki

Patrika

कहानी की उम्र अब 127 साल हो गई

भिलाई@Patrika. बर्हिबंग के रवीन्द्र रूचि रखने वालों को रवीन्द्र संगीत के मधुर रस से सराबोर करने रवीन्द्र सुधा भिलाई के कलाकारों के द्वारा गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के जन्मदिन के अवसर पर भिलाई सेक्टर-1 नेहरू भवन में गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की गीत श्रृखंला ऋतुओं पर आधारित गीत,नाटक,नृत्य की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में प्रेम,एकता और स्वस्थ परिवेश का संकल्प लेकर आप हम गुरूदेव के सबसे पसंदीदा ऋतु के कुथ गीत और काबुलीवाला कहानी का नाट्य रूप प्रस्तुत किया गया
कहानी की उम्र अब 127 साल
गुरूदेव की एक अनुपम रचना काबुलीवाला, इस कहानी की उम्र अब १२७ साल हो गई है। इस कहानी के सृजन के समय अत्यंत गरीब देश अफगानिस्तान का काफी हिस्सा भारत की बिखटिश सरकार के अधीन हुआ करता था। उस समय की राजधानी कलकत्ता गरीब अफगानियों के व्यापार हेतु बहुत बड़ा आर्कषक का केंन्द्र था। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल होने के कारण कलकत्ता के लोगों ने उन्हें नाम दिया काबुलीवाला।
विश्वबंधुत्व का दिया संदेश
देश, धर्म, भाषा के भेद को दरकिनार कर दूसरे देश से आये एक काबुलीवाला के साथ एक उच्च वर्ग की बंगाली परिवार की छोटी सी पांच वर्ष की कन्या से स्नेह को केंन्द्र में रखकर गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने जो विश्वबंधुत्व का संदेश दिया है वो आज के विश्व की सामाजिक, राजनीतिक-अस्थिरता की पृष्ठभूमि में अत्यंत प्रासंगिक है।

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