बीड़ा उठाना होगा
राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र के बदलाव के नायक चेंजमेकर्स शरद श्रीवास्तव ने उदाहरण देकर पत्रिका के उद्देश्यों को समझाया। उन्होंने कहा कि हमें हल्ला बोलने के साथ गंदगी में कूद सफाई का बीड़ा उठाने की जरूरत है। हमें अपने अंदर बनी मिथ्या को तोड़कर समाज सेवा के लिए राजनीति में आने की जरूरत है। क्योंकि समाजसेवा से जुड़े लोग किसी राजनेता से कम नहीं होते। उन्हें समाज की जमीनी हकीकत मालूम होती है। समुदाय की जरूरतों का एहसास होता है।
बेतरतीब हुआ विकास
चेंजमेकर शिशुपाल खोब्रागढ़ ने कहा कि शहर में हो रहे कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से नहीं किया जा रहा। बड़े प्रोजेक्ट को तैयार करने से पहले यहां के प्रबुद्ध व उससे जुड़े लोगों से चर्चा नहीं की जा रही। यही कारण है कि बहुत सारे कामों में सिर्फ पैसे की बर्बादी हुई। रानीसागर के नीचे प्लाटेशन करने के बजाए एकेडमी सेंटर बनाया जा रहा है। स्टेडियम बन रहा पार्किंग का पता नहीं है। बेतरतीब विकास कार्य से शहर पूरी तरह डेमेज हो चुका है।बैठक में कुंती साहू ने महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान देने की बात कही। भारतभूषण साहू ने कहा कि शहर से मवेशी खटाल हटाने गोकुल नगर बसाया गया, लेकिन वहां पशुपालकों का व्यवस्था नहीं कराया जा सका। इससे सड़क पर आवारा मवेशियों की संख्या बढ़ गई है। इससे आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। त्रिलोक सोनी ने भी अपनी बात रखी।
प्रतिक्रिया अशोक फडऩवीस, अध्यक्ष जनहित संघर्ष समिति शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के मुद्दे में सारी सरकारें विफल है। लोगों को अच्छी शिक्षा के लिए बाहर जाना पड़ रहा इसके बाद नौकरी के लिए भी पलायन करना पड़ता है। शिक्षा और स्वास्थ्य व्यापार बन चुकी है। इसमें सुधार लाने की जरूरत है। योजनाओं के नाम पर केवल अपनी स्वार्थ सिद्धी में सरकार जुटी हुई है। बुनियादी सेवाओं पर ध्यान देने की जरूरत है।
डॉ. अरुण देवांगन, निजी चिकित्सक अस्पताल भवन के साथ चिकित्सक भी मिले, तो बात बनेगी। 20 साल में ही लोगों में हार्ट की समस्या आ रही है। इसके बाद भी यहां एक हार्ट के विशेषज्ञ डाक्टर नहीं दे पाए। झोलाछाप डाक्टरों का हवाला देकर प्रायमिरी चिकित्सा को समाप्त कर दिया गया। जबकि ऐसे डाक्टरों की जांच हो और काबिल को प्रशिक्षित कर प्रैक्टिस करने की अनुमति देने की जरूरत है।
हनुमंत राव, नागरिक संविदा पूरी तरह खत्म कर सरकार को सरकारी नौकरी देने की जरूरत है। रिटायर्मेंट की उम्र 62 के बजाए 60 साल होनी चाहिए। सिर्फ सड़क व भवन बनाने से विकास नहीं होगा। यहां सेवा देने के लिए ह्यूमन पावर भी होनी चाहिए।
नवीन जायसवाल, युवा उद्योगपति सरकार के पास मुफ्त में अनुपयोगी सामान बांटने के लिए फंड है, क्योंकि इससे उन्हें कमाई होती है। जनता के पैसे को बर्बाद कर वाहवाही लूटते हैं। जबकि छोटे व दम तोड़ते उद्योगों को जिंदा रखने इनके पास फंड की कमी है। इन उद्योगों के सुधार से लोगों को नौकरी मिलेगी।