एक माह के अंतराल में दो बार अपराध किया
अतिरिक्त लोक अभियोजक महेन्द्र राजपूत ने बताया कि अभियुक्त ने एक माह के अंतराल में दो बार अपराध किया। एक बार दुष्कर्म करने के बाद दोबारा दुष्कर्म करने की नीयत से पीडि़ता के घर पहुंचा था। परिजनों के पहुंचने पर वह भाग गया। इसी वजह से न्यायाधीश ने दुष्कर्म करने और दुष्कर्म का प्रयास करने की धारा के तहत अलग अलग सजा सुनाई। प्रकरण 31 अगस्त 2016 की है। तब 13 साल की पीडि़ता अपने घर पर अकेली थी। माता-पिता मजदूरी करने गए थे। इसी बीच अभियुक्त घर पहुंचा और पीडि़ता को धमकाते हुए दुष्कर्म का प्रयास कर रहा था। अचानक पीडि़त बच्ची के पिता के पहुंचने पर अभियुक्त भाग निकला।
अतिरिक्त लोक अभियोजक महेन्द्र राजपूत ने बताया कि अभियुक्त ने एक माह के अंतराल में दो बार अपराध किया। एक बार दुष्कर्म करने के बाद दोबारा दुष्कर्म करने की नीयत से पीडि़ता के घर पहुंचा था। परिजनों के पहुंचने पर वह भाग गया। इसी वजह से न्यायाधीश ने दुष्कर्म करने और दुष्कर्म का प्रयास करने की धारा के तहत अलग अलग सजा सुनाई। प्रकरण 31 अगस्त 2016 की है। तब 13 साल की पीडि़ता अपने घर पर अकेली थी। माता-पिता मजदूरी करने गए थे। इसी बीच अभियुक्त घर पहुंचा और पीडि़ता को धमकाते हुए दुष्कर्म का प्रयास कर रहा था। अचानक पीडि़त बच्ची के पिता के पहुंचने पर अभियुक्त भाग निकला।
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मां की गवाही ने मानव अपराध के दोष में बेटे व उसके साढू को चार साल और बहू व उसकी बहन को एक-एक साल की सजा दिलाई पीडि़ता को मिलेगा प्रतिकरफैसला के बाद न्यायाधीश ने कहा कि इस घटना से नाबालिग के मन में आघात पहुंचा है। इस आघात की भरपाई नहीं की जा सकती। शासन की योजना के तहत प्रतिकर दिलाने न्यायाधीश ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पत्र लिखा है।
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