scriptराष्ट्रीय बालिक दिवस: छत्तीसगढ़ का पहला पार्क जहां पार्किंग से लेकर फूड काउंटर तक सारा मैनेंजमेंट महिलाओं के हाथ में | Read the story of Shaheed Park of Bhilai on Rastriya Balika Diwas | Patrika News
भिलाई

राष्ट्रीय बालिक दिवस: छत्तीसगढ़ का पहला पार्क जहां पार्किंग से लेकर फूड काउंटर तक सारा मैनेंजमेंट महिलाओं के हाथ में

सेक्टर-5 का शहीद पार्क इन दिनों महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनता जा रहा है। युवा दिवस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे जनता को समर्पित किया।

भिलाईJan 24, 2021 / 05:10 pm

Dakshi Sahu

राष्ट्रीय बालिक दिवस: छत्तीसगढ़ का पहला पार्क जहां पार्किंग से लेकर फूड काउंटर तक सारा मैनेंजमेंट महिलाओं के हाथ में

राष्ट्रीय बालिक दिवस: छत्तीसगढ़ का पहला पार्क जहां पार्किंग से लेकर फूड काउंटर तक सारा मैनेंजमेंट महिलाओं के हाथ में

भिलाई. सीटी बजाती महिला गार्ड.. सुबह गार्डन में सफाई करने से लेकर पौधों की देखरख करने वाली महिला माली तो शाम को पार्क के गुलजार होते ही गढ़ कलेवा और अन्य फूड सेंटर की बागडोर संभालती महिलाएं। सेक्टर-5 का शहीद पार्क इन दिनों महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनता जा रहा है। युवा दिवस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे जनता को समर्पित किया। पर इसकी देखरेख की जिम्मेदारी महिलाओं को सौंपी, ताकि वे अपने घर की तरह इस पार्क को भी सुंदर बनाकर रख सकें। इस पार्क के मुख्य प्रबंधन में नव उपासना महिला सेवा समिति है जिससे साथ अन्य महिलाएं मिलकर इस कार्य को कर रही हैं।
समिति की सचिव सीमा चौधरी बताती हैं कि गार्डन में लेजर शो को चलाने की जिम्मेदारी भी उनकी है तो वहां की खूबसूरती को सुरक्षित रखना भी उनका ही काम है। फिलहाल समिति नो प्रोफिट नो लॉस पर काम कर रही है, लेकिन जल्द ही समिति की महिलाओं को आमदनी होने लगेगी। पार्षद एवं एमआईसी सदस्य नीरज पाल ने बताया कि गार्डन बनने के साथ ही इसकी सारी जिम्मेदारी इसी सेक्टर की महिला समिति को दे दी गई है, ताकि इसे मेंटेन करने में कोई दिक्कत न हो।
समूहों को मिलेगी जगह
इस पार्क में नव उपासना महिला समिति के साथ ही सेक्टर 5 की करीब 24 महिला स्वसहायता समूहों को अपना काउंटर लगाने नि:शुल्क जगह दी जा रही है, ताकि वे अपना उत्पाद यहां आसानी से बेच सकें। उड़ान एक दिशा संस्था की निधि चंद्राकर ने बताया कि उनका समूह पिछले 8 दिनों से यहां काउंटर लगा रहा है और उनके सामान भी अच्छे बिक रहे हैं।
5 सौ से ज्यादा महिलाएं
इस गार्डन में 24 से ज्यादा स्वसहायता समूह के साथ ही समिति से जुड़ी सैकड़ों महिलाएं अपने उत्पादों को बेचकर आर्थिक रूप से सक्षम बनेंगी। फिलहाल समिति के पास फूड सेंटर और बाहर पार्किंग से मिलने वाली राशि आय के रूप में आ रही है, लेकिन यह राशि महिलाओं में बंटेगी।
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