बोकारों ने चीन के लिए रवाना किया स्लैब
महामारी कोरोना के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस्पात की डिमांड पूरी करने के लिए बोकारो स्टील प्लांट भी जुट गया है। सेल के बोकारो स्टील प्लांट ने 30 हजार टन सीसी स्लैब की पहली खेप चीन को आपूर्ति की। जिसे ओडिशा के जगत सिंहपुर में पारादीप पोर्ट से चीन के लिए रवाना किया गया। कोविड-19 की चुनौतियों से जूझने के बावजूद बीएसएल स्टील की डिमांड काफी बढ़ गई है। यही वजह है कि बीएसएल वियतनाम, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका जापान, मंगोलिया, कोरिया सहित अन्य देशों में इस्पात की मांग पूरी करने के साथ-साथ घरेलू बाजार में भी स्टील की आपूर्ति कर रहा है।
40 हजार टन बिलेट का निर्यात आर्डर
सेल की इकाई भिलाई इस्पात संयंत्र के स्टील मेल्टिंग शॉप-3 (एसएमएस-3) ने 150 गुना 150 बिलेट के 20-20 हजार टन के दो खेप का निर्यात चीन को किया। अब तक इस साईज में 40,000 टन बिलेट का निर्यात आर्डर पूर्ण किया जा चुका है। बीएसपी ने पिछले साल में 8100 टन कास्ट बिलेट्स का निर्यात फिलीपींस को व करीब 800 टन कास्ट बिलेट्स का निर्यात नेपाल को किया गया।
सेल को निजी कंपनी दे रही चुनौती
निजी क्षेत्र की इस्पात कंपनी जेएसपीएल को फ्रांस से 12,000 टन रेल ब्लूम की आपूर्ति का आर्डर मिला है। करीब 50 करोड़ का यह आर्डर है। जिससे विशेष ग्रेड का रेल ब्लूम तैयार कर आपूर्ति फ्रांस को की जाएगी। यह आर्डर कोविड-19 की महामारी से लगे लॉकडाउन के दौरान अप्रैल 2020 में मिला है। सेल के सामने निजी कंपनी बड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं।
4 लाख टन बिलेट और प्लेट किया निर्यात
जिंदल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड ने पिछले माह चीन समेत यूरोप के अन्य देश को करीब 4 लाख टन बिलेट और प्लेट्स का निर्यात किया है। यह एक निजी कंपनी के लिए बड़ी सफलता है।
घर और बाहर दोनों जगह सेल को मिल रही है टक्कर
जेएसपीएल को कोलकाता मेट्रो रेल निगम (केएमआरसी) से 2,308 टन रेल का आर्डर लॉकडाउन के दौरान मिला है। जेएसपीएल हेड हार्डेंड रेल की आपूर्ति केएमआरसी को करेगी। इस विशेष रेल का इस्तेमाल द्रुत गति के ढुलाई और सभी मेट्रो रेल परियोजनाओं में होता है। जेएसपीएल 1080 एचएच ग्रेड का हेड हार्डेंड रेल केएमआरसी को देगा। रेल मंत्रालय के अनुसंधान डिजाइन व मानक संगठन (एफडीएसओ) ने 60 ई 1 ग्रेड और 1080 एचएच ग्रेड हेड हार्डेंड रेल के निर्माण और आपूर्ति को मंजूरी दे दी है। जेएसपीएल ने पहले भी कठोर सतह वाली हेड हार्डेंड रेल का उत्पादन कर सप्लाई किया है। इस तरह निजी कंपनी सेल को रेल पटरी निर्माण के क्षेत्र में भी चुनौती दे रही है।