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भिलाई

सरकार की घेराबंदी से टूटे शिक्षाकर्मी, आधी रात हड़ताल वापसी की घोषणा, बंद पर डटे कांग्रेसी

शिक्षकर्मियों और सरकार के बीच चल रही खींचतान आधी रात खत्म हो गई। प्रदेश के शिक्षाकर्मियों ने सोमवार आधी रात बिना शर्त हड़ताल वापस ले ली।

भिलाईDec 05, 2017 / 10:23 am

Dakshi Sahu

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भिलाई/दुर्ग. शिक्षकर्मियों और सरकार के बीच चल रही खींचतान आधी रात खत्म हो गई। प्रदेश के शिक्षाकर्मियों ने सोमवार आधी रात बिना शर्त हड़ताल वापस ले ली। इस बात की जानकारी सबसे पहले सरकार के जनसंपर्क विभाग ने दी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शिक्षाकर्मी नेताओं को जेल ले जाया गया। जहां बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया। इसके बाद रात 12.30 बजे शिक्षाकर्मी नेताओं ने प्रेस कांफ्रेस में हड़ताल वापसी की पुष्टि की।
प्रेस कांफ्रेस में न्यू सर्किट हाउस में छत्तीसगढ़ शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के सभी पदाधिकारी मौजूद थे। अचानक हड़ताल वापसी के सवाल के पदाधिकारियों का कहना था कि संगठन और सरकार से बातचीत, वर्तमान हालात के मद्देनजर छात्रहित में हड़ताल वापसी का फैसला लिया गया। हालांकि उनकी सभी मांगे यथावत रहेंगी।
सुलह न होने के बाद आंदोलन का रूख बदलता जा रहा है। कांग्रेस ने शिक्षाकर्मियों के समर्थन में मंगलवार को बंद का ऐलान कर आंदोलन को और हवा दी है। इधर प्रशासन ने भी बंद को विफल करने की तैयारी कर ली है।
शिक्षाकर्मी संघ के नेताओं पर शिकंजा कसने बर्खास्तगी की नोटिस जारी की गई है वहीं बंद को विफल करने शहर के हर चौक चौराहे पर पुलिस बल तैनात किया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि बंद कराने वालों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। शिक्षा विभाग ने भी स्कूलों को बंद कराने पर एफआई दर्ज करवाने की बात कही है।
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कांग्रेसियों को दी जिम्मेदारी
बंद को सफल बनाने विधायक और पूर्व विधायक से लेकर आम कार्यकर्ता तक सबकी जिम्मेदारी तय की गई है। प्रत्येक ब्लॉक में ब्लॉक अध्यक्ष बंद के लिए निकलने वाली टीम की अगुवाई करेंगे। विधायक, पूर्व विधायक व संगठन के बड़े पदाधिकारी मॉनिटरिंग करेंगे। प्रदेश पदाधिकारी, ब्लॉक अध्यक्ष, जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी व पार्षद अपने-अपने क्षेत्र में टीम के साथ बंद कराने निकलेंगे। युवा कांग्रेस व महिला कांग्रेस की अलग टीम सक्रिय रहेगी। बंद की रणनीति तय करने के लिए सोमवार को कांग्रेस भवन में बैठक हुई। जिसमें वरिष्ठ नेताओं ने कार्यकर्ताओं को बंद को सफल बनाने के तरीके बताए।
शिक्षाकर्मियों की हड़ताल के समर्थन में मंगलवार को होने जा रहे कंाग्रेस के प्रदेश व्यापी बंद में जिले के सरकारी और निजी स्कूल किसी भी हाल में बंद नहीं होंगे। जिला शिक्षा अधिकारी आशुतोष चावरे ने सभी बीईओ को पत्र जारी कर कहा है कि स्कूल रोजाना की भांति ही संचालित होंगे। यदि कोई संगठन स्कूल बंद कराने या प्रदर्शन करने पहुंचे तो सीधे उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं।
उन्होंने शासकीय स्कूलों में परीक्षा को भी जारी रखने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा विभाग ने संस्था प्रमुखों को भी चेताया है कि निरीक्षण के दौरान यदि कोई स्कूल बंद मिला तो संस्था प्रमुख पर कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने निजी स्कूलों में भी यह आदेश भेजा है कि किसी भी स्थिति में स्कूल बंद न रहे।शिक्षाकर्मी संघों के 8 नेताओं की बर्खास्तगी सोमवार को अंतिम समय में टल गया। बर्खास्तगी का ऑर्डर तक टाइप कर लिया गया था लेकिन ऐन मौके पर आला अधिकारियों को फोन आ गया।
इसके बाद आर्डर रोक लिया गया। इस बीच नेताओं को नोटिस के बाद सोमवार को संघ की दो महिला पदाधिकारियों के साथ 154 शिक्षाकर्मी काम पर लौट गए। स्थिति जानने शाम साढ़े 5 बजे मुख्य सचिव ने वीडियों क्रांफेंसिंग ली। इसमें नोटिस के बाद भी नहीं लौटने वाले नेताओं की बर्खास्तगी का आर्डर जारी करने कहा गया।
जिले में 8 नेताओं के आर्डर भी टाइप करा लिए गए थे, लेकिन बाद में फोन व समझौता वार्ता की जानकारी देकर इसे रूकवा दिया गया। सीईओ जिला पंचायत आरके खुटे ने बताया कि स्कूल नहीं लौटने वाले शिक्षाकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसके लिए शासन के निर्देश का इंतजार है। फिलहाल सोमवार को किसी शिक्षाकर्मी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई।
युकांइयों ने मुंडन कराया
आउट सोर्सिंग से सरकारी नौकरियों में बाहरी लोगों की भर्ती पर युकांइयों का गुस्सा जमकर फूटा। युकांइयों ने रोजगार कार्यालय के सामने इसके विरोध में मुंडन कराया। नारेबाजी की। रोजगार अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर आउट सोर्सिंग बंद करने व स्थानीय लोगों की भर्ती की मांग की। शहर युकां अध्यक्ष आकाश मजूमदार और वैशालीनगर उपाध्यक्ष मनीष तिवारी ने कहा कि नौकरी नहीं दे सकती सरकार तो रोजगार कार्यालय बंद करे।
बर्खास्त करने ज्ञापन सौंपा
छत्तीसगढ़ छात्र-पालक संघ के प्रदेश अध्यक्ष नजरूल खान के नेतृत्व में महिलाओं ने कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर आंदोलन करने वाले शिक्षकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग की। पालक संघ की जिला अध्यक्ष आशा नायर ने कहा कि बार-बार आंदोलन कर बच्चों के भविष्य के खिलवाड़ किया जा रहा है। शिक्षा अनिवार्य सेवा है इसलिए हड़ताली शिक्षाकर्मियों को बर्खास्त कर उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। पूर्व राज्यमंत्री बीडी कुरैशी ने बताया कि शिक्षा कर्मियों के संविलयन की मांग जायज है।
भाजपा ने 2003 विधानसभा चुनाव में सरकार बनने पर शिक्षा कर्मियों को संविलयन किए जाने की बात कही थी और वर्तमान में राज्य का बजट 70 हजार करोड़ का है, तब संविलयन नहीं किए जाना शिक्षा कर्मियों के साथ ज्यादती है। एसपी दुर्ग शशिमोहन सिंह ने बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस तैयार है। व्यापारियों का सबसे बड़ा सगठन चेंबर ऑफ कमार्स का बंद को समर्थन नहीं है। बंद कराने की कोशिश करने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा। डीईओ दुर्ग आशुतोष चावरे ने बताया कि सभी स्कूल समय का खुलेंगे। बीईओ को निर्देश दिए है, स्कूल बंद कराने वालों पर सीधे एफआईआर दर्ज कराएं।

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