पंचनामा के लिए राजेंद्र का बेटा धनेंद्र देवांगन और भांजपा दिनेश देवांगन केंद्रीय जेल पहुंचे। घटनास्थल को देखने के बाद इन्होंने आरोप लगाया कि जेल प्रबंधन मौत की वजह को छुपा रहा है। सीढ़ी से गिरने से सिर में २० सेंटीमीटर से अधिक का जख्म कैसे हो गया? जख्म एेसा है कि उसपर से चमड़ी तक गायब है। हाथ का पंजा तक उस जख्म में हथेली तक समा जाए। उसे देखकर एेसा लगता है कि सिर पर किसी धारदार चीज से वार किया गया है।
जेल प्रबंधन का कहना है कि राजेंद्र के सिर की चोट के बारे में क्यूरी की है। घटना जेल की नई बिल्डिंग में हुई है। जेल मैनुअल के हिसाब से सुबह ५ बजे बैरक का निरीक्षण किया गया। इसके बाद बैरक के दरवाजा खोले गए। कयास लगाया जा रहा है कि दरवाजा खोलकर सीढ़ी से उतरते समय राजेंद्र का पैर फिसल गया होगा और वह नीचे गिर गया। इस दौरान उसका सिर सीढ़ी के कोने से टकरा गया होगा।
जेल में किसी तरह की घटना या बंदी, कैदी की मौत होने पर दण्डाधिकारी जांच का प्रवधान है। बिन्दु निर्धारित कर जांच कराई जाती है। पंचनामा कार्रवाही में नायब तहसीलदार अवश्य उपस्थित थे, लेकिन डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट ने समाचार के लिखे जाने तक किसी तरह की जांच का आदेश नहीं दिया था।
योगेश क्षत्रिय, जेल अधीक्षक
हरप्रसाद पाण्डेय, चौकी प्रभारी पद्मनाभपुर