मारपीट कर भागे जाने की घटना को विस्तार से बताया बहस शाम चार बजे शुरू हुई। लगभग ४५ मिनट तक शासन की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता सुरेश प्रसाद शर्मा ने अपनी बात आरोपियों के अपराधिक रिकार्ड को न्यायालय के सामने रखा। विशेष लोक अभियोजक ने ट्रेन हाईजेक की किस तरह योजना बनाई और कैसे गिरोह को तैयार किया इसे प्रमुखता से कोर्ट में रखा। साथ ही अभिरक्षा में पुलिस कर्मचारियों के साथ मारपीट कर भागे जाने की घटना को विस्तार से बताया। ट्रेन हाईजेक की साजिश उपेन्द्र सिंह उर्फ कबरा के बेटे द्वारा रचने और साथियों द्वारा घटना को अंजाम की जानकारी दी। हॉलाकि इस बीत बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने बयान को दोहराने की बात कही। विशेष अभियोजक ने इसे आवश्यक बताते हुए अपनी बात रखी। न्यायालीन समय समाप्त होने पर न्यायाधीश ने शेष कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी।
छह फरवरी 2013 को जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन हाईजेक बिलासपुर जेल से गैंगस्टर उपेन्द्र सिंह को गवाही सुनवाई में दुर्ग जिला न्यायालय लाया गया था। उपेन्द्र पुलिस की अभिरक्षा में था। उपेन्द्र को छुड़ाने के लिए गैंगस्टर के पुत्र प्रीतम ने साजिश रचकर दुर्ग-रायगढ़ चलने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस को हाईजेक किया था। ट्रेन को हाईजेक के बाद आरोपी कुम्हारी के निकट उपेन्द्र को पुलिस अभिरक्षा से छुड़ाकर भगा ले गए। इस दौरान आरोपियों ने एक लाल रंग की कार को भी लूट ली थी।
आगे क्या
विशेष लोक अभियोजक का तर्क प्रस्तुत होने के बाद बचाव पक्ष के अधिवक्ता तर्क प्रस्तुत करेंगे। तर्क सुनने के बाद न्यायाधीश फैसले की तिथि निश्चित करेंगे। इसके बाद प्रकरण में फैसला सुनाया जाएगा।