ट्रक का रजिस्ट्रेशन नंबर बदलकर किया ऐसा काम, अपने साथ जीजा और बहन को भी लिया लपेटे में
चंद्रनगर उमरपोटी निवासी राजेश यदु ने हिंदूजा लीलैंड फाइनेंस कंपनी से दो ट्रक फाइनेंस कराया। दो किस्त पटाने के बाद उसने शेष राशि जमा करना बंद कर दी। इधर षडयंत्र करते हुए चेचिस और रजिस्ट्रेशन नंबर में कूटरचना कर दोनों ट्रकों को अपने साले राजकुमार यादव के नाम से एक अन्य फाइनेंस कंपनी से फिर फाइनेंस करवा लिया।
ट्रक का रजिस्ट्रेशन नंबर बदलकर किया ऐसा काम, अपने साथ जीजा और बहन को भी लिया लपेटे में
भिलाई@Patrika. चंद्रनगर उमरपोटी निवासी राजेश यदु ने हिंदूजा लीलैंड फाइनेंस कंपनी से दो ट्रक फाइनेंस कराया। दो किस्त पटाने के बाद उसने शेष राशि जमा करना बंद कर दी। (Breach of trust) इधर षडयंत्र करते हुए चेचिस और रजिस्ट्रेशन नंबर में कूटरचना कर दोनों ट्रकों को अपने साले राजकुमार यादव के नाम से एक अन्य फाइनेंस कंपनी से फिर फाइनेंस करवा लिया। ( Fraud case in bhilai) शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी, अमानत में खयानत समेत अन्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर राजकुमार को गिरफ्तार कर लिया है। (Bhilai crime news) वहीं मुख्य आरोपी राजेश यदु और गारंटर बनी उसकी पत्नी रिंकी यादव फरार हैं।
कंपनी के अधिकारी की शिकायत पर तीनों के खिलाफ अपराध दर्ज सुपेला थाना प्रभारी राजेन्द्र सिंह कंवर ने बताया कि (Hinduja Leyland Finance Company) हिंदूजा लीलैंड फाइनेंस कंपनी के विधि अधिकारी सुशांत प्रसन्ना पंडा की शिकायत पर तीनों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। राजेश ने दो ट्रक फ ाइनेंस कराया था। दोनों गाडिय़ों के लिए उसने २ लाख ८० हजार रुपए जमा किया। दो माह किस्त चुकाने के बाद बंद कर दिया। कंपनी जब किस्त जमा करने दबाव बनाने लगी तो वह दोनों ट्रकों को लेकर पश्चिम बंगाल फरार हो गया। वहां चेसिस नंबर बदलकर यहां फिर लाया और अपने साले राजकमार के नाम फाइनेंस कराकर चलाने लगा। मुखबिर से सूचना मिलने पर पुलिस ने दोनों ट्रकों को बरामद कर राजकुमार को भी गिरफ्तार किया।
पत्नी और साले के साथ मिलकर रची थी साजिश पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी राजेश ने पत्नी रिंकी को गारंटर बनाया। दोनों ने मिलकर षंडयंत्र किया। पहले पश्चिम बंगाल ले जाकर दोनों ट्रकों का चेचिस और रजिस्ट्रेशन नंबर में कूटरचना की। फिर आारटीओ में जुगाड़ कर फ र्जी आरसी बुक तैयार किया। इसके बाद दोनों गाडिय़ों को सीजी पॉसिंग में अपने साले राजकुमार के नाम से ट्रांसफ र करा लिया।
ऐसे पकड़ में आए आरोपी कूटरचित दस्तावेज के आधार पर फिर दोनों ट्रकों को अपने साले के नाम से श्रीराम फाइनेंस से फाइनेंस करा लिया। उसने हिंदूजा कंपनी से एनओसी नहीं लिया। टैंपरिंग कर चेचिस और रजिस्ट्रेशन नंबर बदलवा लिया। फ र्जी आरसी बुक भी तैयार कर लिया, लेकिन गाड़ी का टायर नम्बर, गियर नम्बर और बॉडी नम्बर नहीं बदला था।
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