यह वेद के लिए बहुत भावुक क्षण था। किर्गिस्तान के लिए दिल्ली से फ्लाइट पकडऩे राजनांदगांव रेलवे स्टेशन में 11 नवंबर की दोपहर पहुंची वेद ने बताया कि उसका सपना जिला प्रशासन की तत्परता की वजह से पूरा हो पाया है। कलक्टर ने लैंड डायवर्सन करा दिया, फिर आखरी क्षणों में जब सपना टूटने ही वाला था, उन्होंने बड़ी मदद की और लोन क्लियर करा दिया। वेद ने बताया कि मेरे कुछ दोस्तों ने किर्गिस्तान में मेडिकल पढ़ाई की सुविधा के बारे में बताया था, पर उस समय सोचा भी नहीं था कि मैं भी यहां पढ़ सकती हूं।
कलक्टर सिंह ने इस मसले पर रूचि लेते हुए प्रयास शुरू किया। उन्होंने लीड बैंक मैनेजर से जानकारी ली। पता चला कि वेद के आवेदन में कोलेट्रल संबंधी समस्या है। जमीन का डायवर्सन नहीं हुआ है। इस पर कलक्टर ने वेद की जमीन के त्वरित डायवर्सन के निर्देश दिए। डायवर्सन जल्द पूरा हुआ। फिर स्थानीय ब्रांच से प्रक्रिया आगे बढ़ी। कलक्टर और लीड बैंक ऑफि सर वेद से नियमित संपर्क में थे। वेद ने 9 नवम्बर को बताया कि बैंक वाले कह रहे हैं कि हेड आफिस में कुछ समय लग जाएगा। इस पर कलक्टर ने एसबीआई के लोकल हेडक्वार्टर में संपर्क किया और मामले की गंभीरता से अवगत कराया। 9 को वेद के आवेदन पर देर तक काम हुआ और 10 की सुबह वेद का आवेदन स्वीकृत हो गया।
लीड बैंक मैनेजर प्रकाश जाधव ने बताया कि कोलेट्रल के लिए लैंड प्रस्तुत किये जाने के बाद बैंक को इसकी सर्च रिपोर्ट और वैल्यूएशन करनी होती है जिसमे समय लगता है। कलक्टर द्वारा मामले की गंभीरता से अवगत कराने पर सारी प्रक्रिया बेहद तेजी से हेड आफिस एवं लोकल ब्रांच ने निपटाई, जिससे वेद का सपना पूरा हुआ। जाधव ने बताया कि कलेक्टर ने इस तरह के एजुकेशन लोन मेले नियमित आयोजित करने निर्देश दिए हैं ताकि इस संबंध में विद्यार्थियों और उनके पालकों की दुविधाओं का समाधान हो सके तथा उन्हें यथोचित सहायता दी जा सके।