इसके लिए साई रायपुर की प्रभारी गीता पंत भिलाई पहुंची और भिलाई क्लब के स्वीमिंग पुल को देखा पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का नहीं होने की वजह से अब यह कैंप रायपुर में लगेगा। इसके लिए बच्चों के रहने की व्यवस्था रायपुर के साई हॉस्टल में की जाएगी। पत्रिका ने दो वर्ष पहले ही इन तैराकों की प्रतिभा को पहचान कर उनकी परेशानियों को प्रकाश में लाया था जिसके बाद लगातार बच्चों ने अपना हक पाने लड़ाई लड़ी।
रिपोर्ट बनाकर भेजी भारतीय खेल प्राधिकरण के अधिकारियों ने मंगलवार को भिलाई के स्वीमिंग पूल को देखा पर अंतराष्ट्रीय मानक पर यह पूल खरा नहीं उतरा। इसके बाद टीम ने रायपुर स्थित अंतरराष्ट्रीय मापकों पर बने स्वीमिंग पूल को, का निरीक्षण किया। यह पूल लंबे समय से बंद है, पर साई ने इसी पूल में ही ट्रेनिंग देने के लिए अपनी रिपोर्ट दिल्ली भेजी है।
तालाब से निखरी प्रतिभा पुरई गांव के तालाब में तैराकी सीखकर इन बच्चों ने राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीते हैं। गांव के ही ओम ओझा कई वर्षो से इन बच्चों को स्वीमिंग सीखा रहे हैं। कुछ महीने पहले उस तालाब में गांव के गंदे नालों को जोड़ दिया गया था जिसके बाद बच्चों का अभ्यास थम गया। अपने तालाब को बचाने बच्चों ने गुहार लगाई।
जिसमें जनसुनवाई फाउंडेशन ने इनका साथ दिया और जिला प्रशासन से लेकर केन्द्र सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाई। पत्रिका भी बच्चों की इस मुहिम में साथ रही और आखिरकर केंद्रीय खेल मंत्रालय ने इस ओर ध्यान दिया और भारतीय खेल प्राधिकरण के नेतृत्व में एक टीम को तुरंत दिल्ली से पुरई रवाना किया ताकि बच्चों की खेल प्रतिभा का आंकलन किया जा सके।
प्रभारी साई रायपुर गीता पंत ने कहा कि हमारी टीम ने रायपुर के स्वीमिंग पूल की रिपोर्ट बनाकर भेज दी है। इसी पूल में ट्रेनिंग दी जाएगी। अभी कोई तारीख तय नहीं है पर अगले महीने यह ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी।
जनसुनवाई फाउंडेशन के राज्य समन्वयक संजय मिश्रा ने बताया कि बच्चों की मेहनत रंग लाई है। इस आदेश के बाद उनकी जिंदगी में नया बदलाव आएगा,जिससे उनके आगे बढऩे के रास्ते भी खुल जाएंगे।