निगम से मिली जानकारी के मुताबिक बांधा तालाब इलाके के हाऊस ऑफ श्रमण संघ, तकिया पारा में राजा बाड़ा सिटी सेंटर काम्प्लेक्स, कचहरी वार्ड ऋषभ नगर जैनम हेरिटेज, आजाद वार्ड में वर्धमान हाईट्स और पोटियाकला में फारच्यून टॉवर का कोई भी रिकॉर्ड निगम के पास नहीं है। इससे यहां से प्रापर्टी टैक्स भी नहीं मिल रहा।
नियमानुसार भवन निर्माण की अनुमति और भवन निर्माण के बाद बिल्डर्स को भूमि, भवन के नामांतरण, नक्शा सहित अन्य दस्तावेज निगम कार्यालय में जमा कराया जाना चाहिए, लेकिन बिल्डर्स ने ऐसा नहीं किया। इसके अलावा भवन पूर्णता की एनओसी जारी करने वाले व संबंधित इंजीनियर को रिकॉर्ड अपडेट करना चाहिए, लेकिन अफसरों ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया।
निगम प्रशासन ने खुलासे के बाद स्पैरो कंपनी ने बिल्डर्स को अधिनियम 1956 की धारा 144 के अंतर्गत कालोनियों वहां निर्मित भवनों का वार्षिक भाड़ा निर्धारण करने तथा असेसमेंट करने 9 दिसंबर 2019 को नोटिस दिया था, लेकिन बिल्डर्स ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इसके चलते इन बिल्डिंग से प्रापर्टी टैक्स वसूली अटका है।
स्पैरो कंपनी की नोटिस के बाद भी असेसमेंट जमा नहीं कराए जाने पर अब निगम प्रशासन ने बिल्डर्स की प्रापर्टी का खुद असेसमेंट करने का निर्णय किया है। इसके लिए निगम प्रशासन ने अफसरों की टीम गठित की है। ये टीम मौके पर जाकर भवन व बिल्डिंग की जांच करेगी और टैक्स का निर्धारण करेगी। इसके बाद बकाया नोटिस जारी किया जाएगा।
बिल्डर्स के साथ कई प्रापर्टीधारकों द्वारा सालों से टैक्स जमा नहीं करया जा रहा है। हालात यह है कि वर्ष 1974 यानि 36 साल पुराना टैक्स भी बकाया है। निगम ने ऐसे 310 बकायादारों को चिन्हित कर वसूली वारंट जारी किया है। बकायादारों को 30 दिन की मोहलत दी गई है। तय मियाद के बाद टैक्स जमा नहीं कराने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई व संपत्ति कुर्क कर वसूली की चेतावनी भी जारी की गई है। कमिश्नर नगर निगम दुर्ग इंद्रजीत बर्मन ने बताया कि टैक्स जमा करना प्रापर्टीधारक का नैतिक दायित्व है। यदि किसी कारण देरी हुई है तो अब भी नियमानुसार टैक्स की राशि जमा कर निगम की कार्रवाई से बचा जा सकता है।