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भिलाई

चोरों ने फ्लाईओवर का काम अटकाया, एक करोड़ से अधिक के सामान की चोरी

bhilai patrika news सुपेला से लेकर कुम्हारी तक चार फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन चोरों और चोरी का सामान खरीदने वाले कबाडिय़ों की मिलीभगत ने निर्माण कंपनी के नाक में दम कर दिया है। आए दिन कुछ न कुछ सामान की चोरी हो रही है। इसका असर ब्रिज के काम पर पड़ रहा है।

भिलाईJun 02, 2023 / 11:41 pm

Chandra Kishor Deshmukh

चोरों और कबाडिय़ों की मिलीभगत से चोरी: पुलिस नहीं लगा पा रही अंकुश

फ्लाई ओवर ब्रिज

भिलाई. सुपेला से लेकर कुम्हारी तक चार फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन चोरों और चोरी का सामान खरीदने वाले कबाडिय़ों की मिलीभगत ने निर्माण कंपनी के नाक में दम कर दिया है। आए दिन कुछ न कुछ सामान की चोरी हो रही है। इसका असर ब्रिज के काम पर पड़ रहा है। उनकी करतूतों से फ्लाई ओवर ब्रिज का कार्य प्रभावित हो रहा है। निर्माण कंपनी का दावा है कि चार साल में एक करोड़ से अधिक लोहा और कीमती सामग्री चोरी हो चुकी है। शिकायत के बाद भी पुलिस चोरी रोकने में सफल नहीं हो पा रही है।

चोरी के कारण निर्माण कार्य में देरी
नेशनल हाइवे-53 पर वर्ष 2019 से सुपेला, पावर हाउस, डबरापारा और कुम्हारी में चार फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। रायल इंफ्रा प्राइवेट कंपनी चार साल से निर्माण कार्य कर रही है। वर्तमान में सुपेला और पावर हाउस फ्लाई ओबर ब्रिज को कंप्लीट कर लिया गया है। निर्माण कंपनी के मैनेजर ने बताया कि इन चार सालों में एक करोड़ से अधिक कीमत के लोहा, शेड, कीमती पैनल और एक्सपांशन ज्वाइट चोरी हो गई है। फ्लाई ओवर ब्रिज के दोनों तरफ लगाए गए संकेत बोर्ड तक चोरी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि रात में गुंडे मवाली आकर सुरक्षा गार्ड के साथ मारपीट कर उन्हें धमकाते हैं। थाना में शिकायत करने पर हमें ही जिम्मेदार ठहराते हैं। गार्ड होने के बाद भी चोरों का दुस्साहस इतना है कि वे रातोंरात कीमती सामान पार कर देते हैं।

एक्सपॉन्शन चोरी होने से तीन महीने कार्य प्रभावित
कंपनी के मैनेजर ने बताया कि चारों साइट पर लगातार चोरियां हो रही है। 8 महीने पहले सुपेला घड़ी चौक से 14 फीट का एक्सपॉन्शन ज्वॉइंट चोरी हो गई। इसकी वजह से तीन महीने तक कार्य प्रभावित रहा। एक्सपॉन्शन ज्वाइंट को भोपाल से मंगाया गया। तब जाकर काम शुरू हुआ। इसके कारण सुपेला फ्लाई ओवर ब्रिज को खोलने में तीन माह का विलंब हुआ।

एनएच के किनारे थाना, फिर भी चोरों के हौसले बुलंद
नेहरु नगर से लेकर कुम्हारी तक एनएच-53 के किनारे पांच थाना और तीन ट्रैफिक थाना है। रात में ट्रैफिक की चार हाइवे पेट्रोलिंग गाडिय़ां एनएच शिफ्ट में भ्रमण करती रहती है। इसके अलावा पांचों थाना की पेट्रोलिंग टीम है। चौकाने वाली बात यह है कि चोरों के हौसले इतने बुलंद हो गए है कि इसके बावजूद चोरी हो रही है।

पुलिस पहुंची थी निरीक्षण करने
निर्माण कंपनी के सुपरवाइजर ने गुरुवार को जब चोरी की सूचना सुपेला पुलिस को दी, तब पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरे की तलाश कर रहे हंै। टीआई दुर्गेश शर्मा ने निर्माण कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों को अपना और स्टॉफ का मोबाइल नंबर दिया है। किसी भी परेशानी होने पर तत्काल अवगत कराने को कहा है।

केस-1
16 मई को चोरों ने रेलवे ब्रिज के हाइड्रोलिक जेक चोरी कर ली। शिकायत पर पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। प्लेट, कुर्सियां, सरिया, सेंटरिंग प्लेट और 12 लाख के चार जेक की चोरी कर ली थी। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से बरामद किया।

केस-2
27 मई को आईटीआई के पास ट्रक टैंकर से चालक सड़क पर पानी का बौछार कर रहा था। रात को आधा दर्जन बदमाश युवक पहुंचे। ट्रक को रोक लिया। चालक के साथ मारपीट की। उसका मोबाइल लूटकर भाग गए। चालक अभी अस्पताल में भर्ती है।

केस-3
31 व 1 जून के दरमियानी रात कोडक महिंद्रा के पास बदमाशों ने हल्ला बोला। एनएच के दोनों किनारे नाली निर्माण कार्य किया जा रहा है। लोहा सरिया की सुरक्षा के लिए गार्ड तैनात था। 6-7 बदमाश पहुंचे। पहले बुजुर्ग गार्ड को दो-चार थप्पड़ जड़ा। इसके बाद 100 किलोग्राम सरिया के टुकड़ों की चोरी कर ले गए।

सीधी बात : पीयूष, मैनेजर रायल इंफ्रा प्रा.लि.
सवाल : निर्माण के दौरान ब्रिज से कीमती सामग्री चोरी हो रही है। थाना में शिकायत क्यों नहीं करते है?
जवाब- शुरुआत के दिनों में स्टाफ थाने में शिकायत करने गया था। लेकिन पुलिस ने उल्टा उन्हें ही चमका दिया। वापस लौट आए।
सवाल : सुरक्षा की जवाबदारी तो निर्माण कंपनी की है?
जवाब – गार्ड तैनात है, लेकिन रात को बदमाश चोरी करने आते हैं। उन पर पत्थरबाजी करते हंै। रस्सी से उन्हें बांध देते हैं। डर की वजह से शिकायत नहीं करते हैं।
सवाल : जैसा की बता रहे हैं एक करोड़ के सामन अब तक चोरी हो चुकी है। सवाल : पुलिस अधिकारियों से कभी संपर्क क्यों नहीं किए?
जवाब – हमने तात्कालीन पुलिस अधीक्षक से मुलाकत कर चोरी की घटना से अवगत कराया था। उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया था।

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