scriptनए सत्र में घटेंगी इंजीनियरिंग की हजार सीटें, तीन कॉलेज बंद, 7 संस्थानों ने संबद्धता का आवेदन नहीं किया, हो जाएंगे शून्य इनटेक | Thousands of engineering seats will be reduced in the new session | Patrika News
भिलाई

नए सत्र में घटेंगी इंजीनियरिंग की हजार सीटें, तीन कॉलेज बंद, 7 संस्थानों ने संबद्धता का आवेदन नहीं किया, हो जाएंगे शून्य इनटेक

प्रदेश में इंजीनियरिंग शिक्षा में प्रवेश का ग्राफ बीते पांच साल में सबसे कमजोर रहा। पिछले साल तो सिर्फ 27 फीसदी ही प्रवेश हो पाए। यानी 15 से अधिक कॉलेजों में प्रवेश का आंकड़ा दहाई को भी नहीं छू पाया। (Bhilai News)

भिलाईFeb 18, 2020 / 04:25 pm

Dakshi Sahu

नए सत्र में घटेंगी इंजीनियरिंग की हजार सीटें, तीन कॉलेज बंद, 7 संस्थानों ने संबद्धता का आवेदन नहीं किया, हो जाएंगे शून्य इनटेक

नए सत्र में घटेंगी इंजीनियरिंग की हजार सीटें, तीन कॉलेज बंद, 7 संस्थानों ने संबद्धता का आवेदन नहीं किया, हो जाएंगे शून्य इनटेक

भिलाई. प्रदेश में इंजीनियरिंग (engineering college in Chhattisgarh) शिक्षा में प्रवेश का ग्राफ बीते पांच साल में सबसे कमजोर रहा। पिछले साल तो सिर्फ 27 फीसदी ही प्रवेश हो पाए। यानी 15 से अधिक कॉलेजों में प्रवेश का आंकड़ा दहाई को भी नहीं छू पाया। यही वजह है कि अब इंजीनियरिंग कॉलेज संचालक अपने कदम पीछे हटाने में ही भलाई समझा रहे हैं। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय को इस साल के लिए तीन इंजीनियरिंग कॉलेज क्लोजर यानी संस्थान को पूरी तरह से बंद करने का आवेदन कर चुके हैं। विवि जल्द ही इनमें अध्ययनरत विद्यार्थियों को दूसरे संस्थान में ट्रांसफर करने की प्रक्रिया पूरी कराएगा। यही नहीं इस साल सात ऐसे कॉलेज हैं, जिन्होंने अब तक संबद्धता के लिए विवि में आवेदन ही नहीं किया। इनका इनटेक इस साल के लिए शून्य घोषित कर दिया जाएगा।
तीन साल में 13 इंजीनियरिंग कॉलेज बंद
पिछले कुछ साल से इंजीनियरिंग पर ग्रहण लगा हुआ है। यही वजह है कि तीन साल के भीतर 8 इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हो गए। जबकि 5 कॉलेजों ने मर्जर का सहारा लिया। उन्होंने अपने एक कॉलेज को दूसरे में विलय कर दिया। एआईसीटीई की मर्जर नीति के तहत चाइल्ड इंस्टीट्यूट को पैरेंट्स संस्था में मर्ज करने के लिए प्रदेश में नामी कॉलेज समूहों ने सबसे पहले हामी भरी।
इस साल इनको ऑफिशियल बंद करेगा विवि
सीएसवीटीयू के अधिकारियों ने बताया कि रायपुर के सेंट्रल इंस्टीट्यूूट ऑफ टेक्नोलॉजी (सीआईटी) बंद करने प्रक्रिया के लिए प्रक्रिया शुरू होगी। पिछले साल पाथर्वी कॉलेज को शून्य घोषित किया गया था, जिसके विद्यार्थियों को अबके साल दूसरे संस्थान में ट्रांसफर किया गया। यानी इस साल इस कॉलेज में कोई विद्यार्थी नहीं होगा। ऐसे ही सीसीईएम कबीरनगर रायपुर भी बंद हो जाएगा।
विद्यार्थियों की होगी काउंसलिंग
इस साल जो कॉलेज बंद होंगे, उनके विद्यार्थियों को ट्रांसफर करने के लिए विवि उक्त कॉलेजों के छात्रों की काउंसलिंग भी कराएगा। उक्त विद्यार्थियों को ऐसे कॉलेजों की सूची मिलेगी, जिसमें उनके विषय की सीटें खाली होंगी। विद्यार्थियों को आगे के सेमेस्टर की पढ़ाईदूसरी संस्थान में पूरी करने का विकल्प मिलेगा। सबसे अहम बात ये होगी कि पुरानी संस्थान में उन्हें जितनी फीस चुकानी पड़ रही थी, उतनी ही फीस नए संस्थान में भी देनी होगी। भले ही वह प्रदेश का टॉप कॉलेज हो, मगर अधिक फीस नहीं ले पाएगा। इसके लिए विवि कॉलेजों से भी उनकी सीटों का विवरण व अनापत्ति प्रमाण पत्र लेगा।
सात कॉलेजों को नोटिस जारी
विवि ने नए सत्र की संबद्धता देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इनमें सात ऐसी संस्थाएं हैं, जिन्होंने अब तक भी संस्थान के लिए न तो संबद्धता ली है और न ही संस्थान बंद करने कोई आवेदन किए। इन सभी कॉलेजों को सीएसवीटीयू ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में जारी किया गया है कि संबद्धता की प्रक्रिया पूरी नहीं करने की स्थिति में क्लोजर आवेदन करें। या फिर इनटेक से जुड़ी प्रक्रिया पूरी कराएं।
सरकार ने नहीं सुनी कॉलेजों की गुहार
प्राइवेटइंजीनियरिंग कॉलेज एसोसिएशन की ओर से सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखा गया था कि इस साल से बारहवीं के अंकों से सीधा प्रवेश देने की प्रक्रिया शुरू कराएं। उच्च शिक्षा मंत्री को इसका प्रपोजल बनाकर दिया गया था, लेकिन उन्हें इसे नकार दिया। इसी तरह विद्यार्थियों को मिलने वाली स्कालरशिप में भी बढ़ोतरी के लिए प्रस्ताव पर बात नहीं बन पाई।
घटेंगी इंजीनियरिंग की सीटें
इस साल तीन कॉलेज बंद होने के बाद और यदि सात संस्था का इनटेक शून्य किया गया तो ऐसे में इंजीनियरिंग की एक हजार से अधिक सीटें कम हो जाएंगी।

बीते साल ऐसा था एडमिशन ग्राफ
सामान्य काउंसलिंग से प्रवेश – 23.68 फीसदी
मैनेजमेंट कोटा से प्रवेश – 3.11
संस्थागत स्तर पर हुए प्रवेश – 2.23 फीसदी
शून्य प्रवेश वाले कॉलेज – 4
5 फीसदी से कम प्रवेश – 9
10 फीसदी से कम प्रवेश – 10
सात साल में ऐसे कम हुआ स्टूडेंट्स रेश्यो
साल – कुल सीट – प्रवेश – प्रवेश प्रतिशत
2013-14 – 19508 – 13807 – 70.78
2014-15 – 18868 – 10840 – 57.45
2015-16 – 17941 – 9680 – 53.95
2016-17 – 16896 – 8166 – 48.33
2017-18 – 20267 – 6542 – 32.28
2018-19 – 18529 – 5976 – 32.25
2019-20 – 15626 – 4953 – 31.69
नोटिस भेजे गए
कुलसचिव, सीएसवीटीयू डॉ. केके वर्मा ने बताया कि तीन कॉलेजों ने संस्था बंद करने का आवेदन दिया है। इसी तरह सात इंजीनियरिंग कॉलेजों ने संबद्धता वृद्धि के लिए भी आवेदन नहीं किए। आवेदन नहीं मिले तो उनका इस साल का इनटेक शून्य हो जाएगा। नोटिस भेजे गए हैं।

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