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भिलाई

गौठान की खाली जमीन पर इन महिलाओं ने लाई सब्जियों और फूलों की बहार

भिलाई. कुछ कर दिखाने की चाह और अच्छी सोच ने दुर्ग जिले के छोटे से गांव अरसनारा की महिलाओं को आत्मनिर्भर बना दिया। पहले वे अपनी घर की बाड़ी(किचन गार्डन) में ताजी सब्जियां लगाती थी,लेकिन ग्राम पंचायत ने जब गौठान में खाली पड़ी जमीन पर सब्जी भाजी उगाने का ऑफर दिया तो गांव की महिलाओं ने स्वसहायता समूह बनाकर यहां छोटी सी खेती करने लगी। सब्जियों के साथ-साथ उन्होंने गेंदे के फूल की भी खेती की, जिससे उन्होंने 1 लाख 45 हजार रुपए से ज्यादा का मुनाफा कमाया।

भिलाईFeb 19, 2022 / 02:07 pm

Komal Purohit

flower farming

सब्जियों के साथ-साथ गेंदे के फूल की भी खेती

खेती की तकनीक को समझा

मां संतोषी स्व सहायता समूह और भगवती स्व सहायता समूह की महिलाओं ने पहले खेती की तकनीक को समझा और फिर आगे कदम बढ़ाया। उनका साथ देने उद्यानिकी विभाग ने 3 हजार गेंदे के पौधे और प्याज, भिन्डी, लौकी एवं बैगन के बीज पर नगद अनुदान दिया। उद्यानिकी विभाग से अनुदान के साथ समय-समय पर तकनीकी सहायता करने अधिकारियों ने भी सहयोग किया।
100 क्विंटल सब्जी उत्पादन
दोनों समूह की करीब 20 महिलाओं ने मिलकर अब तक 90 हजार रुपए खर्च कर कुल 100 क्विटंल सब्जी का उत्पादन किया। जिसे बेचने पर 2 लाख 35 हजार रुपए बाजार से उनके पास पहुंचे। इसमें उन्हें 1 लाख 45 हजार का शुद्ध मुनाफा हुआ वही गांव की महिलाएं भी एनजीजीबी योजना से लोकल मार्केट में सब्जी विक्रय कर आय अर्जित कर रही है।
रोजाना 50 किलो फूल की बिक्री
यहां गेंदे के फूल की खेती से प्रतिदिन 40-50 किलोग्राम फूलों का उत्पादन हो रहा। जिसे समूह की महिलाओं को 6सौ से 8 सौ रुपए की रोजाना आय हो रही है। समूह की महिलाओं ने बताया कि गेंदा के पौधों में 35-40 दिनों में फूल आने शुरू हो जाते हैं और लगातरा 4 महीने तक प्रोडक्शन होता है।

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