एक गो सेवक इस माता को लेकर परेशान है। वह इसे यहां से उठाकर किसी गो शाला में लेकर जाना चाहता है, लेकिन वह सकते में है कि किस गो शाला में लेकर जाए। हर गो शाला में क्षमता से अधिक गो माता है। अगर लेकर भी जाएं, तो वहां सिर्फ रख दिया जाएगा। गो सेवक ने बताया कि कल्पतरु अपार्टमेंट के सामने भी चंद दिनों पहले तीन दिनों तक गो माता पैर टूट जाने की वजह से सड़क किनारे पड़े-पड़े आखिरी सांस ली। गो सेवा को लेकर बड़ी-बड़ी बात करने वालों की संवेदनशीलता जमीन में आकर दम तोड़ रही है। गो माता एेसे लोगों को माफ करेगी …
देशभर में पशु चिकित्सक बड़ी संख्या में पास होकर निकल रहे हैं। प्रदेश में भी कामधेनु विश्वविद्यालय हैं. एक-एक चिकित्सक को हर गो शाला में अनिवार्य तौर पर रखने राज्य सरकार की ओर से आदेश जारी करने की जरूरत है। हर दिन चिकित्सक सुुबह से शाम तक इन मवेशियों पर नजर रखेगा, तो मवेशी स्वस्थ्य रहेंगे। सरकार गो शाला के नाम पर राशि दे रही है, तो उसके बदले व्यवस्था को बेहतर रखने निर्देश भी दे। अक्सर मवेशियों की थोक में मौत होने के बाद सरकार हरकत में आती है। जिसका लाभ भी गो माता को नहीं मिलता, संचालक जरूर उठा लेते हैं।
भिलाई और दुर्ग से लगे गांव में शासन को नए गो शाला शुरू की जरूरत है। शासन नए गो शाला को बेहद आधूनिक बनाए। यहां सीसीटीवी कैमरे लगवाया जाए। जिससे चिकित्सक व गो सेवक किस तरह से काम कर रहे हैं, वह भी नजर आए। लाखों रुपए गो सेवकों को जारी करने के साथ-साथ शासन सीसीटीवी कैमरा हर गो शाला में अनिवार्य करें, तो गो माता को सरकार की ओर से की जा रही पहल का लाभ मिलेगा।
जुनवानी रोड में नगर निगम जिस स्थान पर कचरा डंप कर रहा है, वहां बड़ी संख्या में मवेशी पहुंचकर खाद्य सामग्री के साथ-साथ झिल्ली को निवाला बना रहे हैं। इस झिल्ली की वजह से उनका पेट फूल जाता है, कई मवेशियों की इसकी वजह से जान तक चली जाती है।