पाटन और निकुम पहुंचे शतक के करीब
कोविडशील्ड वैक्सीन लगवाने के मामले में पाटन और निकुम शतक के करीब पहुंच गए हैं। यहां के स्वास्थ्य कर्मियों ने आगे बढ़कर कोविडशील्ड वैक्सीन लगवाई है। वहीं शहर में इसका रिकार्ड दूसरे दिन भी खराब रहा। जिला अस्पताल, दुर्ग में पहले दिन से दूसरे दिन कम लाभार्थी पहुंचे। वहीं पाटन में स्थिति पहले से और बेहतर रही है। निकुम में चार स्वास्थ्य कर्मी आ जाते तो पूरे 100 हो जाते।
वैक्सीन का साइड इफैक्ट आंख हो रही बंद
शंकराचार्य अस्पताल में कोरोना वैक्सीन कांती धुरिया ने 12 बजे लगवाया। उन्होंने बताया कि ऑब्जर्वेशन में रहने के बाद जाकर कुछ देर आराम किया। इसके बाद दोपहर का भोजन किया। करीब 3 बजे के बाद आंख बंद होने लगा जैसे नींद आ रहा हो। तब वह मौजूद डॉक्टर को इसकी जानकारी दी। दो-दो डॉक्टर ने उन्हें चेक किया और शाम 5 बजे के बाद छोड़ा। उन्होंने बताया कि घर जाने के बाद भी उनकी आंख ही बंद हो रही है। इसके अलावा कोई चक्कर या दर्द नहीं हो रहा है। शाम ७ बजे के बाद तक भी वह घर पर आंख बंद कर आराम करती रही।
वैक्सीन लगवाने के बाद किया 4 का ऑपरेशन
मदर चाइल्ड अस्पताल, दुर्ग में सेवा दे रही डॉक्टर ममता पाण्डेय ने सुबह डिलीवरी के लिए आने वाली कुछ प्रसूता का ऑपरेशन किया। इसके बाद कोरोना का वैक्सीन लगवाने गई। वहां से लौटकर फिर चार प्रसूता का ऑपरेशन किया। उन्होंने बताया कि वह बिल्कुल सामान्य हैं। वैक्सीन लगवाने के बाद कोई दिक्कत नहीं हुई है।
बचे हुए नाम को जोड़ा गया
जिला अस्पताल, दुर्ग व शंकराचार्य अस्पताल, जुनवानी में शनिवार को जिन्होंने टीका नहीं लगवाया था, उनके नाम के साथ कुछ नए नाम जोड़कर दिया गया। इस वजह से सोमवार को फिर दोनों ही केंद्र में कम लाभार्थी वैक्सीन लगवाने के लिए आए। जिन्होंने पहले ही नहीं लगवाने का मन बना लिया है, वे दूसरी बार बुलाने पर भी इंकार कर दिए। वहीं कुछ लोग बीमार व अन्य कारणों से नहीं आए। स्वास्थ्य विभाग टीका लगवाने जो नहीं आए हैं, उनके नहीं आने की वजह पूछ रहा है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद, निकुम —– 100 ————- 96
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पाटन —- 100 ————- 92
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धमधा —- 100 ————- 81
जिला अस्पताल, दुर्ग —————- 100 ———— 63
शंकराचार्य अस्पताल, जुनवानी —— 100 ————40