scriptआरक्षण में हाथ से निकला वार्ड, नई जमीन तलाशने में जुटे नेता | Ward got out of hand in reservation, leader engaged in search of land | Patrika News

आरक्षण में हाथ से निकला वार्ड, नई जमीन तलाशने में जुटे नेता

locationभिलाईPublished: Jan 23, 2021 12:44:42 am

Submitted by:

Abdul Salam

देवबलौदा से मेयर आजमा सकती है किस्मत.

आरक्षण में हाथ से निकला वार्ड, नई जमीन तलाशने में जुटे नेता

आरक्षण में हाथ से निकला वार्ड, नई जमीन तलाशने में जुटे नेता

भिलाई. नगर पालिक निगम, भिलाई-चरोदा के 40 वार्डों का शुक्रवार को कलेक्ट्रेट, दुर्ग के सभागार में आरक्षण किया गया। इस दौरान कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के नेता मौजूद थे। आरक्षण में कई दिग्गज पार्षदों के हाथ से वार्ड निकल गया है। इसके बाद वे अपने आसपास के वार्ड पर नजर दौड़ाते रहे। नेता जिस तरह से दूसरे क्षेत्र में पलायन करने का मन बना रहे हैं, उससे चुनाव के दिलचस्प होने की उम्मीद है। वहीं लगातार चुनाव जीतने वालों के लिए भी यह मुश्किल का सबब हो सकता है।

सभापति ने किया आपत्ति
आरक्षण जिस वक्त शुरू हुआ सबसे पहले सभापति विजय जैन ने यह कहते हुए आपत्ति किया कि परिसीमन को लेकर दावा आपत्ति मंगवाया गया, लेकिन निराकरण नहीं हुआ है। इसके बाद उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर राजपत्र में दी गई जानकारी अधूरी है। इसमें वार्ड का नाम है लेकिन जनसंख्या और एससीएसटी के आबादी की जानकारी नहीं है। कलेक्टर ने उनकी आपत्ति की खारिज कर दिया। आरक्षण प्रक्रिया के दौरान कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में पर्चियां निकाल कर वार्ड आरक्षण की कार्यवाही पूरी की। इस दौरान अपर कलेक्टर बीबी पंचभाई, भिलाई चरोदा के आयुक्त कीर्तिमान राठौर, डिप्टी कलेक्टर अरुण वर्मा, उप जिला निर्वाचन अधिकारी दिव्या वैष्णव मौजूद थे।

देवबलौदा से मेयर आजमा सकती है किस्मत
देवबलौदा वार्ड-31 या वार्ड-35 से वर्तमान मेयर चंद्रकांता माण्डले किस्मत आजमा सकती हैं। यहां से वर्तमान में कांग्रेस के रामकुमार सूर्यवंशी पार्षद हैं। यह वार्ड एससी महिला के लिए आरक्षित हो गया है। वहीं सूर्यवंशी वार्ड-33 देवबलौदा सागर पारा से भी चुनाव लड़ सकते हैं।

नेता प्रतिपक्ष का वार्ड भी निकला हाथ से
नेता प्रतिपक्ष संतोष तिवारी का वार्ड क्रमांक-9 शीतला पारा भी अनारक्षित महिला हो गया है। अब वे भी नए वार्ड से किस्मत आजमा सकते हैं। उनके सामने विश्व बैंक कालोनी विकल्प के तौर पर है। दूसरे वार्ड में जाकर चुनाव लडऩा आसान नहीं होगा। कांग्रेस में एक-एक वार्ड से चुनाव लडऩे के लिए अभी से तीन से चार नेता तैयार हैं।

एमआईसी सदस्य के हाथ से निकला वार्ड
डबरा पारा वार्ड से भाजपा पार्षद राजू देवांगन एमआईसी के सदस्य हैं। यह वार्ड आरक्षण में एसटी के लिए आरक्षित हो गया। आसपास भी उनके लिए ओबीसी या अनारक्षित वार्ड नहीं बचा है। इस तरह से उनके हाथ से वार्ड निकलता दिख रहा है। अब उनको चुनाव लडऩे के लिए अपने वार्ड को छोड़कर दूसरे दूर वार्ड में जाना होगा।

राजेश दाण्डेकर भी तलाश रहे जमीन
वार्ड क्रमांक- 18, वसुंधरा नगर से कांग्रेस के पार्षद राजेश दाण्डेकर भी आरक्षण से प्रभावित हुए हैं। उनका वार्ड ओबीसी के लिए आरक्षित हो गया है। उनके सामने विकल्प के तौर पर वार्ड-17, शांति नगर है। जहां से हमेशा भारतीय जनता पार्टी के फिरोज फारूखी जीत हासिल करते रहे हैं। अगर राजेश यहां से चुनाव लड़ते हैं तो मुकाबला दिलचस्प हो सकता है, क्योंकि दोनों ही चेहरा स्थानीय लोगों के सामने अनजान नहीं है। परिसीमन के दौरान कुछ वार्ड-18 का क्षेत्र कटकर वार्ड-17 में चला गया था, जिसकी वजह से इस वार्ड के मतदाता दोनों से परिचित हैं।

मंत्री प्रतिनिधि का वार्ड भी हुआ महिला अनारक्षित
मंत्री प्रतिनिधि कृष्णा चंद्राकर का वार्ड-36 सिरसाकला बस्ती महिला अनारक्षित हो गया है। वे कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़कर जीतने पर बड़े पद के दावेदारों की लिस्ट में शामिल रहते। वे वार्ड-37 सिरसाकला भाठापारा से भी चुनाव लड़ सकते हैं। पदुमनगर ओबीसी के लिए आरक्षित हो गया है।

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