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भिलाई

Water Crisis : समस्या ऐसी कि टैंकर से पानी पहुंचने पर अस्पताल में होती है डिलीवरी

जिले के ग्राम पीपरछेड़ी इस बारिश के सीजन में भी गंभीर पेयजल समस्या से जूझ रहा है। गांव वालों के अलावा यहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती मरीज को भी पीने के पानी के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

भिलाईJul 18, 2019 / 11:41 pm

Satya Narayan Shukla

Patrika

वाटर क्राइसेस: समस्या ऐसी कि टैंकर से पानी पहुंचने पर अस्पताल में होती है डिलीवरी

बालोद@Patrika. जिले के ग्राम पीपरछेड़ी इस बारिश के सीजन में भी गंभीर पेयजल समस्या से जूझ रहा है। (Balod Patrika news) गांव वालों के अलावा यहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती मरीज को भी पीने के पानी के लिएदिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। (drinking water problem in the rain) समस्या इतनी गंभीर है कि जब-तक पंचायत की ओर से टैंकर से पानी नहीं पहुंचाया जाता तब तक महिलाओं का प्रसव नहीं हो पाता है। गांव में स्थित अधिकतर हैंडपंप जवाब दे चुके हैं। (Balod patrika) मात्र दो हैंडपंप के भरोसे ग्रामीणों की प्यास बूझ रही है। (Water tanker for delivery) पानी के ऐसा मारामारी मचती है कि लोगों को सुबह चार बजे से पैंडपंप में लाइन लगानी पड़ती है। पेयजल के अलावा निस्तारी के लिए भी लोग ट्रैक्टर, टैंकर और ड्रम में भरकर पानी ले जाते हैं। (Groundwater level so low) भूजल स्तर इतना नीचे चला गया है कि गांव में 400 फीट तक खुदाई के बाद भी पानी नहीं निकलता है।
60 बोर में से मात्र तीन से ही पानी निकलता है

इस गांव में पेयजल की गंभीर स्थिति का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि गांव के 60 बोर में से मात्र तीन बोर से ही पानी निकलता है। ग्रामीणों को पेयजल समस्या से निजात दिलाने पंचायत ने एक सप्ताह के भीतर 5 बोर का खनन कराया गया। दुर्भाग्यकी बात है कि एक भी बोर में पानी नहीं निकला। ग्रामीणों के साथ पंचायत प्रतिनिधियों ने इस समस्या से जिला प्रशासन को अवगत करा दिया है।
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प्रसव के लिए टैंकर से पानी की व्यवस्था

मरीजों को पेयजल की समस्या गांव का (Primary Health Centre)प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इस क्षेत्र के लिए महत्तवपूर्ण है। यहां मरीजों को पीने के पानी के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। प्रसव केस के लिए ग्राम पंचायत द्वारा हर दो दिनों में टैंकर से पानी की व्यवस्था की जाती है। इसी टैंकर के पानी का उपयोग पेयजल के लिए भी करते हैं मरीज।
हैंडपंप की धार पतली
इस गांव की स्थिति यह है कि दो बोर से पानी की व्यवस्था हो रही है। अब इस दो बोर की धार भी पतली हो गई है। अगर ये भी जवाब दे दे तो आस-पास के गांवों से पानी लाना पड़ेगा। इस गांव में 6 0 में से मात्र तीन बोर ही चल रहे हैं।
सरपंच गजेन्द्र भेडिय़ा ने बताया कि मेरे जीवन काल में गांव में इतनी गंभीर पेयजल समस्या पहली बार आई है। गांव के हैंडपंप बंद है। दो हैंडपंप के भरोसे पूरे गांव की प्यास बूझ रही है। पेयजल समस्या से निपटने हाल ही में 5 बोर खनन कराया थे। सफल असफल हो गए। पंचायत द्वारा पेयजल के लिए टैंकर की व्यवस्था की गई है।
2024 ग्राम की जनसंख्या
400 मकान गांव में
233 नल कनेक्सन
गांव में कुल 60 बोर जिसमें से मात्र 3 चालू 57 बन्द
गांव में पेयजल की व्यवस्था दो बोर के भरोसे
मोटरसाइकिल रिक्शा में ड्रम से पानी घर ले जाते हंै।
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सड़क दुर्घटना में एडीओ देवल सिंह की मौत
दल्लीराजहरा@Patrika. नगर से सात किलोमीटर दूर ग्राम कुसुमकसा बालोद मोड़ पर गुरुवार की शाम एक 12 चक्के वाहन चालक ने मोटर साइकिल सवार को ठोकर मार दी, जिससे घटनास्थल पर मोटर साइकिल सवार की मौत हो गई। राजहरा पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है। जानकारी के अनुसार बालोद से ड्यूटी कर गृह ग्राम अरमुरकसा लौट रहे एडीओ देवल सिंह को वाहन कमांक सीजी-07, 4879 के चालक खिलावन भूआर्य ग्राम किलेपोडा निवासी ने अपनी चपेट में ले लिया, जिससे घटना स्थल पर ही उसकी मौत हो गई। दुर्घटना के बाद चालक वाहन सहित भार रहा था जिसे पांच किमी तक पीछा कर मानपुर चौक के पास पकड़ लिया गया।
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