सोनम और सुल्तान का लोग तो बाकायदा वीडियो भी बना रहे थे। जैसे ही जाली टूटी बड़ी अनहोनी की आशंका में सभी के हाथ-पांव फूल गए। गनीमत रही कि लोग खतरा भांपते ही एक-दूूसरे को आवाज देकर भागने लगे।
डॉ. एनके जैन और डॉ. जीके दुबे के साथ जू के कर्मचारियों की टीम ने बाघिन को खोजना शुरू किया। वह पेड़ों के बीच कहीं दुबक गई थी। कर्मचारी सोनम-सोनम की आवाज लगाने लगे। कुछ देर बाद वह सामने से आती देखी।
सड़क के बाजू में ही सांभर का बाड़ा है। जैसे ही भगदड़ मची तो बाड़े के सांभर भी इधर-उधर भागने लगे। जू में शाम 7 बजे तक पर्यटकों का आना-जाना रहता है।शाम के समय पर्यटकों की संख्या कम हो गई थी। अगर यही घटना दोपहर को हुई होती तो बड़ी जनहानि हो सकती थी।
कर्मचारी दूर से ही गन, मशाल और इमरजेंसी लाइट दिखाकर बाघिन को उसके केज को ओर खदेडऩा शुरू किए। घंटेभर की मशक्कत के बाद आखिर प्रबंधन को सफलता मिल ही गई। चंूकि उसका साथी सुल्तान केेज में था सोनम भी केज की ओर चली आई। वह पहले चार फीट ऊंचे केज के भीतर कूदकर गई और उसके बाद भीतर केज में चली गई।
बीएसपी प्रबंधन ने मैत्रीबाग व जू की देख-रेख के लिए दो-दो चिकित्सकों को नियुक्त किया है। इसके बाद भी केज की सड़ी हुई जाली नहीं बदली गई। लॉयन के केज में भी दीवार दरक रही है।