संभागायुक्त ने यह भी कहा कि इन्होंने तो सरकार की मदद की है। सरकार का ध्यान आकर्षित कराने के लिए लोकतांत्रिक तरीके से विरोध जताया है। केवल समाचार पत्रों की कटिंग को आरोप का आधार नहीं बनाया जा सकता। परिवाद में जो आरोप लगाया गया है उसका फोटोग्राफ या वीडियो प्रस्तुत करें।
लगभग आधा घंटा तक चली सुनवाई में संभागायुक्त ने एमआईसी मेंबर डॉ दिवाकर भारती और पार्षद रिंकू राजेश प्रसाद से भी सवाल किया कि शहर में आवारा कुत्तों को लेकर क्या चल रहा है। जिस पर एमआईसी सदस्य दिवाकर ने बताया कि जिन मांगों को लेकर हमने आयुक्त को ज्ञापन दिया। शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराने के लिए विरोध जताया। उन्हीं सुझावों पर निगम सुअरों को पकडऩे का ठेका दिया है। सुअरों को पकड़कर शहर बाहर ले जाकर छोड़ रहे हैं। कुत्तों को पकड़कर नसंबदी किया जा रहा है। आयुक्त ने दोनों पार्षदों को निगम की ओर से साक्ष्य प्रस्तुत करने के बाद अपना बयान दर्ज कराने कहा।