10 हजार लोगों को आंखों की रोशनी का इंतजार
नेत्र चिकित्सा शिविर लगाने के आदेश
10 हजार लोगों को आंखों की रोशनी का इंतजार
भीलवाड़ा।
सरकार ने भले ही नेत्र चिकित्सा शिविर लगाने को कह दिया लेकिन एक भी शिविर की तैयारी नहीं है। 20 मार्च 2020 से नेत्र शिविर बंद थे। करीब 10 हजार लोग आंखों का ऑपरेशन कराने की बाट जोह रहे हैं। ये निजी अस्पताल में आंखों का इलाज कराने में सक्षम नहीं है।
चिकित्सा विभाग के अनुसार राज्य में करीब डेढ़ साल से कोविड के चलते बंद नेत्र चिकित्सा शिविर बन्द थे। वह अब फिर से लगाए जा सकेंगे। सीएमएचओ को निर्देशित किया गया कि वे संबंधित संस्थाओं के सहयोग से मोतियाबिंद सर्जरी का बैकलॉग पूरा करें।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुस्ताक खान ने बताया कि आदेश के साथ ही अब फिर से कैंप शुरू कर दिए जाएंगे। इसके ऑर्डर भी जारी हो गए। एनजीओ से बात कर फिर से कैंप लगवाएं जाएंगे। जिले में करीब 10 हजार लोगों के मोतियाबिंद पक गए। मोतियाबिंद ज्यादा समय तक रहने की स्थिति में काला पानी की स्टेज पर पहुंच जाता है, जो आंखों की रोशनी खत्म कर देता है। जल्द ही लाइन्स क्लब व रामस्नेही चिकित्सालय से सम्पर्क कर शिविर लगाए जाएंगे।
एमजीएच में एक डॉक्टर
जिले में मात्र एक नेत्र सर्जन है। वह भी भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय में है। वे भी कोरोना गाइडलाइन के चलते सप्ताह में चार से ज्यादा ऑपरेशन नहीं कर पा रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में आंखों के ऑपरेशन नहीं होने से कई लोग तो शहर के निजी चिकित्सालय में जाकर पैसे देकर ऑपरेशन करवा रहे है। हालांकि यह भी वे लोग है जो पैसा देने में सक्षम है।