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भीलवाड़ा

80 प्रतिशत सर्दी-खांसी जुखाम के आ रहे मरीज

बदलते मौसम में घबराएं नहीं,

भीलवाड़ाJul 14, 2020 / 07:22 pm

Suresh Jain

80 percent of patients suffering from cold and cough in bhilwara

80 percent of patients suffering from cold and cough in bhilwara


भीलवाड़ा . बदलते मौसम में सर्दी, खांसी और बुखार सामान्य रोग है। लेकिन कोरोना में ऐसे लक्षण दिखे तो सावधान हो जाएं। बदल रहे मौसम के कारण ही अधिक लोग सर्दी-खांसी से पीडि़त हैं। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही बीमार कर सकती है। कोरोना काल में हर सर्दी, खांसी, बुखार से पीडि़त मरीज कोरोना संक्रमित नहीं हो सकता। हालांकि, डॉक्टर तक पहुंचने वाले सर्दी,खांसी, बुखार के मरीजों से ट्रेवल्स एवं संपर्क के बारे में पूछा जा रहा है। वर्तमान समय में अस्पतालों में शामिल सर्दी, खांसी, बुखार, मलेरिया, टायफाइड जैसी मौसमी बीमारी के मरीजों की संख्या अधिक है। कोरोना से सहमे हुए लोगों को डॉक्टर से जांच कराने के बाद उन्हें थोड़ी बहुत राहत मिल रही है।
मौसमी बीमारी से बढ़ी मरीजों की संख्या
कोरोना को लेकर अधिक मरीज निजी क्लीनिकों में ही पहुंच रहे हैं। डिप्टी सीएमएचओ घनश्याम चावला ने बताया कि मरीजों की संख्या काफी बढ़ी हैं। रोजाना मौसमी बीमारी से पीडि़त 50 से 100 मरीज पहुंच रहे हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण सामान्य बीमारी से मिलते-जुलते हैं। अभी मौसम बदल रहा है इसलिए सर्दी खांसी जुकाम से डरें नहीं। हां सतर्क जरूर हो जाएं। गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करें। आयुर्वेदिक काढ़ा भी पी सकते हैं। अधिक परेशानी हो तो डॉक्टर से संपर्क करें। कोई भी लक्षण मौसमी बीमारी से संबंधित हो सकता है। बुखार या गले में खरास, कमजोरी दिखे तो यह वायरल संक्रमण भी हो सकता है। ऐसे मरीज प्रोटीन डाइट लें।
ठंडी वस्तुएं और पेय पदार्थो से करें परहेज
बारिश के मौसम में सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार, उल्टी, दस्त, डायरिया, मलेरिया आदि बीमारियों का प्रकोप शुरू हो जाता है। ऐसे मौसम में ठंडी वस्तुएं और पेय पदार्थों से परहेज करें। फ्रिज का पानी बिल्कुल न पिएं। सांस के मरीज एसी व कूलर के सामने न सोएं। बारिश में भींगने से बचें।
कोरोना से बचाव में मास्क कारगर
कोरोना वायरस के बचाव के लिए मास्क सुरक्षित है। जन सामान्य के लिए कॉटन का मास्क पर्याप्त है। कुछ लोगों को एन 95 मास्क इस्तेमाल करते हुए देखा जा रहा है जो कि गलत है। एन 95 मास्क केवल कोरोना मरीजों के संपर्क में आने वाले चिकित्सकों व अन्य लोगों के लिए है। जन सामान्य को इसके लगातार इस्तेमाल से सांस संबंधी परेशानी हो सकती है।

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