शहर में अब भी 81 लोगों ने नहीं बनाए शौचालाय
भीलवाड़ा शहर एक बार फिर पिछड़ सकता ओडीएफ सेओडिएफ नवीनीकरण में आ सकती है बाधाएं
शहर में अब भी 81 लोगों ने नहीं बनाए शौचालाय
भीलवाड़ा।
पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों में भीलवाड़ा शहर की एक ऐसा शहर है जहां शहर को ओडिएफ कराने के लिए नगर परिषद ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। इसके लिए शहर के ७० वार्डो में कुल ५९ सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालाय का निर्माण कराया गया है। इन शौचालयों में ८७३ सीटे लगाई है। जिनमें ४४४ महिलाओं तथा ४२९ सीटे पुरुषों के लिए बनाई गई है। उसके बाद भी शहर के विभिन्न वार्डो में रहने वाले ८१ ऐसे परिवार है जिन्होंने अभी कर अपने घर में शौचालयों का निर्माण नहीं करवाया है। इसके चलते नगर परिषद को हर साल लेने वाले ओडिफ प्रमाण पत्र लेने में भी संकोच हो रहा है। माना जा रहा है कि परिषद के आवेदन करने के साथ ही ओडिएफ का दर्जा फिर से छिन सकता है। ऐसे में अब नगर परिषद सभापति इसकी प्रतिदिन मोनेटरिंग करके शौचालयों का निर्माण कराने में लगे है।
स्वच्छ भारत मिशन के प्रभारी पुष्कर बैरागी ने बताया कि शहर में ४५२९ व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण करवाना था। इसके लिए कई लोगों को नोटिस भी जारी किए गए थे। अब ७० वार्डो में ८१ परिवार ऐसे ही जिन्होंने शौचालयों का निर्माण नहीं करवाया है। हालांकि इनमें से ३० जनों ने शौचालयों का निर्माण तो करवा लिया, लेकिन उनका फोटो पोर्टल पर नहीं डाले है। ऐसे में इन ३० शौचालयों को फोटो अपलोड करने के बाद शेष ५१ जनों को चिन्हीत कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
अधिशासी अभियन्ता सूर्य प्रकाश संचेती ने बताया कि शहर को ओडिएफ कराने के लिए ही ४४ सामुदायिक शौचालय का निर्माण करवाया। इनमें ७१० सीटे लगाई गई है। जिनमें ३६३ महिलाओं तथा ३४७ पुरुषों के लिए लगाई है। जबकि १५ सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण करवाया है। इनमें १६३ सीटे लगाई जिसमें से ४२ पुरुष तथा ८१ महिलाओं के लिए है। संचेती ने बताया कि इस बार के स्वच्छता सर्वेक्षण में भीलवाड़ा नगर परिषद के लिए राहत की बात है। ओडिएफ के 300 अतिरिक्त अंक मिलेंगे। इन अतिरिक्त अंकों से शहर की रैंकिंग में सुधार होने की संभावना है। ये 300 अंक भीलवाड़ा को इसलिए मिलने जा रहे हैं क्योंकि इस बार भीलवाड़ा को ओडीएफ का दर्जा मिला हुआ है। पिछली बार ओडीएफ का दर्जा नहीं होने से स्टार रैंकिंग के 1500 अंकों के लिए क्वाालिफाई नहीं कर पाए थे। जिसके चलते अभी तक सबसे पिछड़ी रैंक आई थी। ओडीएफ का दर्जा वापस मिलने से भीलवाड़ा की रैंकिंग में सुधार की संभावना है। इस बार नए आयाम में स्वच्छता श्रेणी निर्धारित की है। इसमें प्रेरक दौड़ सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। इसे चार श्रेणी में विभाजित किया है। दौड़ (डीएयुयुआर) अर्थात दिव्य-प्लेटिनम, अनुपम-गोल्ड, उज्जवल-सिल्वर, उदित-ब्रांज व रोही-स्पिरिंग अवार्ड नाम दिए है। इसमें सबसे बेस्ट प्लैटिनम सम्मान होगा।
१२४७ लोगों ने दिया फीडबैक
स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए आम व्यक्ति भी शहर की रैंकिंग में सुधार के लिए वोट दे सकते हैं। इसके लिए वोट फॉर योर सिटी एसएस-2021 के माध्यम से शहर का फीडबैक देना होगा। लेकिन मंगलवार सुबह तक मात्र १२४७ जनों ने ही एस एप के माध्यम से फीडबैक दिया है। यानी नगर परिषद के कर्मचारियों ने भी इस एप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड नहीं किया है। इसके लिए ११५ जनों ने पोर्टल के माध्यम से भी फीड बैक दिया है।
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