जानकारी के अनुसार बसीर मोहम्मद के टेंट हाउस के गोदाम में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई। गोदाम से निकलती लपटों को देख एक बार कोई पास जाने की हिम्मत नहीं कर पाया। आग से गोदाम में रखी रजाइयां, बांस की बल्लियां, कनात समेत अन्य सामान धूं-धूं करके जलने लगा। दूर उठती लपटों को देखकर वहां बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए।
दमकल पहुंच गई, ऑपरेटर था ही नहीं
नगर पालिका से दमकल वहां पहुंची, लेकिन ऑपरेटर नहीं होने से चलाने के प्रयास में चालक व ग्रामीण जुट गए। काफी देर तक दमकल के काम नहीं करने पर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया। लोग घरों से बाल्टियां व चरी भरकर लाए और आग पर काबू पाने का प्रयास किया। उपखण्ड अधिकारी चेतन कुमार त्रिपाठी, पुलिस उपाधीक्षक भोमाराम, तहसीलदार अशोक सोनी वहां पहुंचे। अधिकारियों के वहां पहुंचते ही लोगों ने अधिकारियों को घेर लिया और दमकल के काम नहीं करने की शिकायत पर आक्रोश जताया। इस पर एसडीएम ने ऑपरेटर की व्यवस्था करने का भरोसा दिलाया।
जान जोखिम में डाल निकाला सामान गोदाम से सटा बसीर मोहम्मद का निवास होने से लोगों ने जान जोखिम में डालकर गोदाम से टेंट के कई सामानों को बाहर निकाला। वहां रखे दो गैस सिलेण्डर निकालने के लिए युवाओं ने जान जोखिम में डाली। भीलवाड़ा से आई दमकल से पूर्व मोहल्ले वालों ने डेढ़ घण्टे मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग बुझाने के लिए गोदाम की कई जगह से दीवार तोड़ी गई। उधर, आग के कारण मकान में मौजूद खातून, सलमा बानू व सना बानू की धुएं से दम घुटने से हालत बिगड़ गई। उनको अस्पताल पहुंचाया। गोदाम में एक तरफ बंधे दो बकरों को भी युवाओं ने बाहर निकाला। इस दौरान डिस्कॉम कर्मचारियों ने इलाके की बिजली काट दी थी। इससे अंधेरा होने से आग बुझाने में दिक्कत हुई। आग बुझाने में घीसू घुसर, इछाराम अग्रवाल और रिजवान खान की काफी सहयोग रहा।