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भीलवाड़ा

दधीचियों के सम्मान में बनेंगे स्मारक, ताकि लोग ले प्ररेणा

देहदान का संकल्प कर मेडिकल पढाई का आधार स्तम्भ बनने वाले जागरूक दधीचियों का अब सरकार मेडिकल कॉलेजों में स्मारक बनाएगी। ताकि लोग उनकी मानवता के प्रति समर्पण भावना को समझे और उनका सम्मान कर स्वयं भी इससे प्रेरणा ले।

भीलवाड़ाOct 12, 2019 / 11:10 am

Narendra Kumar Verma

A memorial will be built in honor of Dadhichi, so that people can take inspiration

A memorial will be built in honor of Dadhichi, so that people can take inspiration

दधीचियों के सम्मान में बनेंगे स्मारक, ताकि लोग ले प्ररेणा

भीलवाड़ा। देहदान का संकल्प कर मेडिकल पढाई का आधार स्तम्भ बनने वाले जागरूक दधीचियों का अब सरकार मेडिकल कॉलेजों में स्मारक बनाएगी। ताकि लोग उनकी मानवता के प्रति समर्पण भावना को समझे और उनका सम्मान कर स्वयं भी इससे प्रेरणा ले।
उपनगर सांगानेर स्थित माता विजयाराजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज में अब तक तीन देहदान हो चुके है, वहीं ७५ लोगों ने संकल्प पत्र भरकर कॉलेज को सौंपे हैं। यहां मेडिकल पढ़ाई के लिए अभी कुल पांच मानवदेह है।मेडिकल विद्यार्थियों के लिए जरूरीदेहदान मेडिकल विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए जरूरी है, ताकि ये इन मानव शरीरों के माध्यम से पढ़कर शरीर विज्ञान को बेहतर तरीके से समझ सके। ये है खासप्रदेश में देहदान के सम्बन्ध में कोई नियमावली नहीं है। देहदान का कार्य राजस्थान उच्च न्यायालय की ओर से गठित कमेटी के दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जाता है।
यहां जरूरत के अनुरूप देह उपलब्ध
जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, अजमेर, आरयूएचएस बीकानेर, कोटा, झालावाड़ एवं राजस्थान मेडिकल एंड एज्युकेशन सोसायटी (राजमेस) के भीलवाड़ा, चूरू, पाली, भरतपुर चिकित्सा महाविद्यालय में आवश्यकतानुसार मानव देह उपलब्ध हो रही है।
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मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ.राजन नंदा से मेडिकल पढ़ाई में मानव देह की जरूरत को लेकर हुई बातचीत के अंश
सवाल: मानव देह की अभी मेडिकल कॉलेज में क्या स्थिति है
जवाब: मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई में मानवीय संरचना को करीब से जानने,देखने व पहचाने के लिए मानव देह जरूरी होती है। प्रथम वर्ष के साथ ही द्वितीय की यहां पढ़ाई शुरू हो चुकी है। कुल २४९ विद्यार्थियों का अभी बैच है, चार वर्षीय कोर्स के दौरान मानव देह की जरूरत कही अधिक बढ़ गई है।
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सवाल: मानवदेह किस प्रवृति की होनी चाहिएजवाब: मेडिकल पढ़ाई के लिए स्वस्थ्य व्यक्ति का ही देह चाहिए, किसी प्रकार की गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति की देह काम नहीं आ सकेगी। इसी प्रकार हादसे में मृत व्यक्ति या पोस्टमार्टम हुई देह भी काम नहीं आ सकेगी।
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सवाल: मानवदेह कब तक सुरक्षित संभव है
जवाब: मानवदेह व्यस्क की होनी चाहिए, देह पर विशेष किस्म का रसायन लेप होता है, जोकि अंदर व बाहर की तरफ होता है। देह को मौसम के साथ ही कीटनाशक व रोग से बचाने की जरूरत होती है, इसके लिए शीतनकेन्द्र के साथ अन्य उपयोगी संसाधन की जरूरत होती है।
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सवाल: मानव देह के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्पजवाब: मानव देह के साथ ही यहां प्रत्येक मानव अंग जो कि शरीर का प्रमुख अंग है, उसका म्यूजिम होगा, इसमें हार्ट, लीवर, अस्थि, नाक, गला आदि अन्य अंगों के बारे में जानकारी होगी।
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सवाल: कुल कितनी मानव देह चाहिएजवाब: कॉलेज में अभी कुल पांच मानव देह है, तीन देह हाल ही उदयपुर से मंगवाई है, कुल दस मानवदेह चाहिए, प्रयास है कि इस साल मानव देह की संख्या पूरी हो जाए।
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