वन विभाग पर्यटकों को हमीरगढ़ इको पार्क तक लाने को इसे बैंकाक के पर्यटक स्थल की तर्ज पर तैयार कर रहा है। विभाग ने यहां पेड़ों पर लकड़ी व लोहे से मिश्रित तीन शानदार आवास (ट्री हट) बनाए हैं। यहां तीन लम्बे एवं आकर्षक झूले (बॉली स्विंग) लगाने का काम अंतिम चरण में है।
लवकुश वाटिका में एडवेंचर
लवकुश वाटिका में एडवेंचर पार्क विकसित किया जा रहा है। बच्चों के लिए झूले चकरी व कई उपकरण लगाए जा रहे है। व्यायाम की व्यवस्था भी है। पर्यटकों के लिए भी खास मिट्टी का ट्रैक बनाया गया है।
सनसेट प्वाइंट लाजवाब
भीलवाड़ा से करीब 20 किमी दूर हमीरगढ़ वनखंड है। हरी भरी वादियों के मध्य इको पार्क खूबसूरत होने के साथ ही वन्यजीवों से घिरा है। यहां सनसेट प्वाइंट लाजवाब है। वॉच टावर से भीलवाड़ा शहर का जायजा लिया जा सकता है। टूरिस्ट हट, सफारी व गेस्ट हाउस है। इको पार्क में जंगली सुअर, हिरण, सेही, जरख, सियार, लोमड़ी, खरगोश, तीतर, चिंकारा, मोर आदि मौजूद हैं।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
ईको पार्क में मंशा महादेव मंदिर व चामुंडा मंदिर खास है। पेयजल समस्या का मुद्दा राजस्थान पत्रिका ने 2 मार्च 2024 को शीर्षक से प्रकाशित समाचार के जरिए उठाया था। उपवन संरक्षक गौरव गर्ग ने इसे गंभीरता से लिया। समूचे क्षेत्र में पेयजल व वन्य जीवों के लिए टांके भरने के लिए नलकूप ठीक कराए गए। बिजली की आपूर्ति के लिए सोलर प्लांट लगाया जा रहा है। क्षतिग्रस्त पाइपलाइन व टूटियां ठीक कर दी गई है।
चुकाना होगा किराया
पार्क की व्यवस्था देवकृष्ण संभाले हैं। वे बताते है कि यहां भारतीय नागरिक का प्रवेश शुल्क के साथ इको डेव के लिए 55 रुपए तय है। विदेशी नागरिक पर ये शुल्क 330 रुपए है। विद्यार्थियों को रियायत देते राशि 25 रुपए तय है। इसी प्रकार यहां पार्क में प्रवेश पर दुपहिया व चौपहिया वाहनों की पार्किंग शुल्क अलग है।
इनका कहना है…………
हमीरगढ़ इको पार्क को देश-दुनिया के पर्यटन नक्शे से जोड़ने के लिए काम किया जा रहा है। यहां पेड़ों के बीच लकड़ी के तीन अस्थायी मकान बन रहे हैं। तीन ही लम्बे झूले लगाए हैं। लवकुश वाटिका में वॉकिंग ट्रैक बनवाया है। पेयजल समस्या के समाधान के लिए सोलर प्लांट लगाया जा रहा है।
गौरव गर्ग, उपवन संरक्षक, भीलवाड़ा