गुप्ता ने बताया कि बैंक की मुख्य शाखा सहित तीन शाखाएं हैं। अधिकांश खाते एक ही व्यक्ति के नाम से दो से अधिक हैं। इनको मर्ज करने के बाद हर खाताधारकों को फिलहाल एक-एक लाख रुपए मिलेंगे। ऋणियों से वसूली के बाद ही भुगतान मिल सकेगा। बैंक से जुड़े २५,५५० खाताधारकों के खातों में एक रुपए से लेकर एक लाख तक की राशि जमा है। इन को ४ सितम्बर तक का ब्याज भी मिलेगा। एक लाख से अधिक होने पर केवल एक लाख ही मिलेंगे। खाताधारकों को एक-एक लाख रुपए लौटाने के लिए कम से कम ४० करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी। बैंक के पास १३.४० करोड़ ही हैं। बैंक को डीआइसीजीसी में २६ करोड़ से अधिक का क्लेम करना होगा।
आरबीआइ ने २३ अगस्त को बैंक का लाइसेन्स निरस्त करने के आदेश जयपुर स्थित आरबीआइ कार्यालय को दिए थे। २७ अगस्त को आरबीआइ ने नोटिस जारी किया। इसे अधिकारियों ने ३१ अगस्त को बैंक के सीईओ को थमाते हुए लाइसेंस निरस्त करने की सूचना दी। सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार ने ४ सितम्बर को अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग) को बैंक को अवसायन में लेते हुए लिक्विडेटर लगाने के आदेश दिए थे। इस पर भीलवाड़ा उप रजिस्ट्रार पारसमल जैन को लिक्विडेटर लगाया गया।