लोक अभियोजक राजकुमार शर्मा ने बताया कि 10 अगस्त 2016 को कल्याणपुरा (माण्डलगढ़) निवासी गट्टू धाकड़ और उसके पति रामा धाकड़ ने कोतवाली में मामला दर्ज कराया था। बैंक अध्यक्ष, प्रबंधक, डायरेक्टर, मैनेजर, ऋण अधिकारी, सीए व बैंक के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया। परिवादी ने बताया कि उसने 7 जुलाई 2007 को बैंक से 50 हजार रुपए का ऋण लिया था।
ऋण लेते समय कल्याणपुरा की जमीन के दस्तावेज रखे। परिवादी ने ऋण का बाद में भुगतान कर दिया। ऋण चुकाने के बाद परिवादी ने जमीन के कागज रखकर माण्डलगढ़ स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा से कृषि ऋण लिया। 17 जून 2016 को अखबार में महिला अरबन बैंक ने जमीन की पुन: नीलामी प्रकाशित करवाई। नीलामी में परिवादी की जमीन का भी उल्लेख था।
रामा ने बैंक से सम्पर्क किया तो सामने आया कि आरोपियों ने परिवादी के दस्तावेज में काटछांट कर 35 लाख रुपए का ऋण ले लिया था। महिला अरबन बैंक को ग्रामीण क्षेत्र में लोन देने का अधिकार नहीं था। इसके बावजूद बिना अचल सम्पत्ति रहन रखे परिवादी के नाम 35 लाख का ऋण उठाया। मामले में एसओजी ने गत माह रविन्द्र बोरदिया को जेल से गिरफ्तार किया था। उसे बाद में अदालत में पेश कर जेल भेज दिया। इस मामले में बोरदिया की आेर से जिला एवं सत्र न्यायालय में जमानत प्रार्थना लगाया गया था।